बांग्लादेश में इस्लामिक हुकूमत की तैयारी, शेख हसीना के बाद अब बीएनपी के पीछे पड़ी कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी
बीएनपी पर प्रतिबंध का प्लान
शेख हसीना के खिलाफ साजिश में कामयाब होने के बाद बांग्लादेश की कट्टरपंथी पार्टी जमात-ए-इस्लामी अब देश इस्लामिक शासन की तैयारी कर रही है
ढाका। बांग्लादेश में शेख हसीना विरोधी ताकतें अब एक-दूसरे के खिलाफ होने लगी हैं। शेख हसीना के खिलाफ साजिश में कामयाब होने के बाद बांग्लादेश की कट्टरपंथी पार्टी जमात-ए-इस्लामी अब देश इस्लामिक शासन की तैयारी कर रही है। इसके लिए जमात ने देश के दूसरे प्रमुख दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी को मिटाने की योजना पर अमल शुरू कर दिया है। जमात-ए-इस्लामी ने अपनी पुरानी सहयोगी बीएनपी पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी है। बीते सप्ताह के आखिर में अपनी हिंसक गतिविधियों के लिए कुख्यात जमात की छात्र शाखा छात्र शिबिर और बीएनपी की छात्र के बीच भिड़ंत हुई थी। सूत्रों के अनुसार, ऐसा लगता है कि जमात-ए-इस्लामी ने बीएनपी को निशाना बनाने, उस पर प्रतिबंध लगाने और देश की बागडोर अपने हाथ में लेने की एक सुनियोजित कोशिश कर रही है। पिछले कुछ दिनों में बीएनपी छात्र संघ के सदस्यों और नेताओं को कथित तौर पर ढाका विश्वविद्यालय के छात्रावासों और कॉलेजों से बाहर निकाल दिया गया है। एक सूत्र ने कहा कि यह एक सुनियोजित योजना का हिस्सा हो सकता है।
बीएनपी पर प्रतिबंध का प्लान
योजना यह हो सकती है कि पहले बीएनपी के गुंडों को देश भर में उत्पात मचाने और सड़कों पर अराजकता फैलाने दिया जाए, जिससे बीएनपी के खिलाफ बड़े पैमाने पर आक्रोश और गुस्सा भड़के, फिर एक वीभत्स घटना को अंजाम देकर बीएनपी पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। शेख हसीना के बाहर होने के बाद बांग्लादेश की प्रमुख पार्टी बीएनपी देश में जल्द आम चुनाव की मांग को लेकर आक्रामक है। बीएनपी की इस मांग से अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस की मुश्किल बढ़ी हुई है। खास बात है कि जमात-ए-इस्लामी भी जल्द चुनाव के पक्ष में नहीं है और यूनुस पर चुनाव के पहले सुधार पूरे करने के लिए दबाव बना रही है।
दरअसल, सुधार के नाम पर जमात और बांग्लादेश के इस्लामिक कट्टरपंथी बिना चुनाव सत्ता का मजा लूटना चाहते हैं, जिनका यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर मजबूत प्रभाव है।

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