भारत-आसियान नौसैनिक अभ्यास में चीन ने डाली बाधा, चीनी जहाज भारतीय पोत से केवल 70 किमी पर
बिन बुलाए मेहमान की तरह आया और जाने की भी जल्दी नहीं
आसियान देशों की नौसेना के साथ भारत का सैन्य अभ्यास फिलीपीन्स के पास समुद्र में हो रहा है। तभी चीनी जहाजों के आने की सूचना रडार पर मिली।
मनीला। दक्षिण चीन सागर में भारतीय युद्धपोत और चीनी तटरक्षक बल के जहाजों के अचानक बिल्कुल करीब आ जाने से क्षेत्र में तनाव फैल गया। एक न्यूज चैनल से प्राप्त समाचार के अनुसार आसियान देशों के साथ भारतीय युद्धपोत का अभ्यास करना चीन को नागवार गुजरा और उसने अभ्यास में खलल डालने के लिए अपने पोत भेज दिए। उल्लेखनीय है कि आसियान देशों की नौसेना के साथ भारत का सैन्य अभ्यास फिलीपीन्स के पास समुद्र में हो रहा है। तभी चीनी जहाजों के आने की सूचना रडार पर मिली। दोनों ही पक्षों के जहाजों के बीच दूरी मात्र 70 किमी की है।
न्यूज चैनल ने बताया कि अभ्यास के दौरान चीनी तटरक्षक बल के जहाज अचानक अपना रास्ता बदलकर उस जगह पर पहुंच गए। इस अभ्यास में फिलीपीन्स, सिंगापुर, भारत, ब्रुनेई, इंडोनेशिया मलेशियाए थाइलैंड और वियतनाम की नौसेनाएं हिस्सा ले रही थीं। भारत और आसियान देशों का यह अभ्यास 2 मई को शुरू हुआ था। चीन सागर के विशेषज्ञ रे पॉवेल के हवाले से कहा गया है कि चीनी मिलिशिया के जहाजों के पहले दल ने रविवार शाम को अपना रास्ता बदला और वे आसियान देशों के युद्धपोत की ओर बढ़ गए। पोवेल ने कहा, चीनी जहाज बहुत तेजी से नहीं बढ़ रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी जहाज अभी भी आसियान देशों की नौसेना से 70 किमी दूर हैं। पोवेल ने कहा,अनुमान है कि वहां भारत और आसियान देश जो कुछ भी कर रहे हैं, उससे चीन खुश नहीं है। आसियान देश दक्षिण चीन सागर के उस इलाके में युद्धाभ्यास कर रहे हैं जिस पर चीन अपना दावा करता है। पोवेल ने कहा कि यह आसियान देशों और भारत को चीन का संदेश देना है कि यह चीन का समुद्री इलाका है और बीजिंग इस इलाके में रहने पर उनकी निगरानी करने जा रहा है। चीन का दावा है कि दक्षिण चीन सागर उसका इलाका है। चीन के इस दावे से वह फिलीपीन्स विशेष आर्थिक क्षेत्र में घुसपैठ कर जाता है। चीन के नाइन डैश लाइन के दावे से उसकी सीमा ब्रुनेई, वियतनाम, इंडोनेशिया और मलेशिया की समुद्री सीमा से मिलती है।
भारत.आसियान के 1800 नौसैनिक ले रहे हिस्सा
सिंगापुर और भारत की नौसेना पहली बार इस युद्धाभ्यास में सह आयोजक हैं। इस बीच सिंगापुर के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि समुद्र में होने वाला यह अभ्यास अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में होने जा रहा है जो फिलीपीन्स का ट्रांजिट रूट है। इस अभ्यास में 9 युद्धपोत हिस्सा ले रहे हैं। इसके अलावा भारतए इंडोनेशियाए मलेशिया और फिलीपीन्स की नौसेना के 6 विमान भी हिस्सा ले रहे हैं। आसियान और भारत के कुल 1800 सैन्यकर्मी इस अभ्यास में शामिल हैं। पोवेल ने कहा कि मैं नहीं समझता हूं कि चीनी युद्धपोत ऐसा कुछ करेंगे जो खतरनाक हो। आसियान के 6 युद्धपोत हैंए वहीं चीनी मिलिशिया के जहाज युद्धपोत नहीं हैं लेकिन वे मछली पकड़ने वाले या फिलीपीन्स के तटरक्षक बल के छोटे जहाज के लिए बहुत खतरनाक हैं।

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