फ्रांस को लगा बड़ा झटका, चाड और सेनेगल ने सैन्य संबंध तोड़े

क्षेत्रीय गठबंधनों में व्यापक बदलाव का संकेत है

फ्रांस को लगा बड़ा झटका, चाड और सेनेगल ने सैन्य संबंध तोड़े

फेन ने कहा, सेनेगल एक स्वतंत्र और संप्रभु देश है। संप्रभुता किसी संप्रभु देश में सैन्य ठिकानों की उपस्थिति को स्वीकार नहीं करती है।

डाकर। अफ्रीकी महाद्वीप में फैले फ्रांस के दबदबे को बड़ा झटका लगा है। अफ्रीकी देशों ने फ्रांस के साथ अपने सैन्य संबंधों को खत्म करना शुरू कर दिया है, जो अफ्रीका के क्षेत्रीय गठबंधनों में व्यापक बदलाव का संकेत है। चाड के विदेश मंत्री अब्देरमन कौलमल्लाह ने 28 नवम्बर को घोषणा की, स्वतंत्रता के 66 साल बाद चाड गणराज्य के लिए अपनी पूर्ण संप्रभुता का दावा करने और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुसार, अपनी रणनीतिक साझेदारी को फिर से परिभाषित करने का समय आ गया है। चाड की इस घोषणा के साथ ही फ्रांस के अफ्रीका में अपने सबसे करीबी सैन्य सहियोगियों में से एक के साथ संबंध टूट गए। चाड ने जिस दिन यह घोषणा की उसी दिन सेनेगल के राष्ट्रपति बासिरो डियोमाये फे ने भी फ्रांस को झटका देते हुए देश से फ्रांसीसी सैन्य ठिकानों को हटाने को कहा। फेन ने कहा, सेनेगल एक स्वतंत्र और संप्रभु देश है। संप्रभुता किसी संप्रभु देश में सैन्य ठिकानों की उपस्थिति को स्वीकार नहीं करती है।

अफ्रीका में बदल रहे समीकरण
ये घटनाक्रम फ्रांस और उसके पूर्व उपनिवेशों के बीच संबंधों में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है, जो पेरिस के गिरते असर को दिखाता है। चाड में तैनात लगभग 1000 फ्रांसीसी सैनिकों के अब वापस जाने की उम्मीद है। पिछले कुछ वर्षों में माली, बुर्किना फासो और नाइजर में तख्तापलट के बाद वहां से भी फ्रांस की सैन्य वापसी हो रही है। डेवलपमेंट रीइमेजिन्ड के नीति विश्लेषक ओविग्वे एगुएगु ने मिडिल ईस्ट आई को बताया कि दशकों तक फ्रांस ने स्थानीय अभिजात वर्ग के साथ घनिष्ठ संबंधों के माध्यम से अपना प्रभाव बनाए रखा। एगुएगु ने कहा कि एक दशक से बढ़ते असंतोष के बाद पिछले तीन चार सालों में यह रिश्ता काफी तनाव में आ गया है।

एक दशक में फ्रांस के लिए बदली स्थिति
साल 2013 में फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद को माली में ऑपरेशन सर्वल के लिए सम्मानित किया गया था। इस अभियान ने क्षेत्र में तबाही मचाने वाले आतंकवादी गुटों को पीछे धकेल दिया था। लेकिन 2024 आते-आते क्षेत्र में फ्रांस की विरासत नाटकीय रूप से खराब हो गई है। एगुएगु ने कहा कि आज किसी फ्रांसीसी राष्ट्रपति को इतनी गर्मजोशी से स्वागत नहीं मिलेगा। फ्रांस के नेतृत्व में हस्तक्षेप हिंसा को रोकने में विफल तो रहा ही, इसने विभिन्न विद्रोही गुटों को केंद्रीय सरकारों को कमजोर करने का मौका भी दिया। क्षेत्र में एक दशक से अधिक समय से चल रहे संघर्ष में हजारों लोगों की मौत ने स्थानीय असंतोष को बढ़ावा दिया। साथ ही यह धारणा भी बनी कि फ्रांस ने क्षेत्रीय अस्थिरता को बढ़ावा दिया है।

 

Read More हार्वर्ड सहित अन्य प्रमुख विश्वविद्यालयों से एमबीए करने वाले छात्रों को भी नहीं मिल रही नौकरी : रिपोर्ट 

Tags: France

Post Comment

Comment List

Latest News

मंडल चुनाव के बाद अपील समिति की बैठक : चार मंडलों के अध्यक्ष बदले जाएंगे, 25 चुनाव प्रभारी को आपत्तियों पर नोटिस  मंडल चुनाव के बाद अपील समिति की बैठक : चार मंडलों के अध्यक्ष बदले जाएंगे, 25 चुनाव प्रभारी को आपत्तियों पर नोटिस 
25 जिला इकाइयों के मंडल चुनाव प्रभारी को मिली आपत्तियों के बाद नोटिस जारी करके आपत्तियों पर अपना स्पष्टीकरण देने...
लोकतांत्रिक राजनीति संवाद पर पनपती है और संवाद के बिना अभिव्यक्ति अधूरी है : धनखड़
वापस से मुद्रित पाठ्यपुस्तकों लाने के लिए 900 करोड़ रुपए किए आवंटित
सोना 300 रुपए और चांदी 200 रुपए महंगा
रिटायर आर्मी जवान की वृद्ध पत्नी और बेटी के साथ मारपीट
महाकुंभ कल्पवास, एक माह तक गंगा किनारे रेत में करते हैं आराधना
अमेरिका में आज से ट्रम्प कार्ड, 47वें राष्ट्रपति के तौर पर लेंगे शपथ