भारत–न्यूजीलैंड FTA से आर्थिक रिश्तों को नई मजबूती, वीजा-व्यापार और निवेश में बड़े अवसर
पीएम मोदी और पीएम लक्सन ने किया अहम समझौते का ऐलान
भारत और न्यूजीलैंड ने सोमवार को फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर औपचारिक रूप से सहमति बना ली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन की मुलाकात के बाद इस अहम समझौते का ऐलान किया गया।
नई दिल्ली। भारत और न्यूजीलैंड ने सोमवार को फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर औपचारिक रूप से सहमति बना ली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन की मुलाकात के बाद इस अहम समझौते का ऐलान किया गया। इस डील से दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग, व्यापार और निवेश को नई गति मिलने की उम्मीद है। भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इसे भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक और आर्थिक उपलब्धि बताया है।
इस FTA की सबसे खास बात कुशल भारतीय कारोबारियों और पेशेवरों के लिए वीजा सुविधा है। समझौते के तहत भारतीय नागरिकों को 5,000 अस्थायी वर्क वीजा दिए जाएंगे। इसके अलावा वर्किंग हॉलीडे वीजा और पढ़ाई के बाद नौकरी के अवसरों को भी बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे भारतीय युवाओं को न्यूजीलैंड में करियर के बेहतर विकल्प मिल सकेंगे। दोनों देशों ने अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य तय किया है।
क्या होगा फायदा?
ब्रिटेन और ओमान के बाद यह भारत का इस साल तीसरा बड़ा FTA है। इसके तहत भारत से न्यूजीलैंड को होने वाले 100 प्रतिशत निर्यात पर कस्टम ड्यूटी नहीं लगेगी। इससे कपड़ा, चमड़ा, जूते, समुद्री उत्पाद, रत्न एवं आभूषण, हस्तशिल्प, ऑटोमोबाइल, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी, फार्मास्यूटिकल्स और रसायन उद्योग को बड़ा लाभ मिलेगा। भारतीय उत्पादों को न्यूजीलैंड के बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त हासिल होगी।
किसानों की बढ़ेगी आमदनी
FTA में निवेश को लेकर भी बड़ा प्रस्ताव शामिल है। न्यूजीलैंड अगले 15 वर्षों में भारत में करीब 20 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) करेगा। इससे भारत के औद्योगिक और आर्थिक विस्तार को मजबूती मिलेगी। साथ ही, भारतीय किसानों के लिए भी नए अवसर खुलेंगे। भारत के फल, सब्जियां, अनाज और मसाले न्यूजीलैंड के बाजारों तक पहुंचेंगे, जिससे किसानों की आय बढ़ने की उम्मीद है।

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