थाईलैंड से संघर्ष के कारण 80 हजार से ज्यादा कंबोडियाई ग्रामीणों का सुरक्षित जगह पलायन
कंबोडिया ने युद्धविराम की इच्छा व्यक्त की
लगभग 80 हजार कंबोडियाई ग्रामीण सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने के लिए अपने घरों से पलायन कर गए हैं।
नोम पेन्ह। कंबोडिया और थाईलैंड के बीच सशस्त्र संघर्ष चौथे दिन भी जारी रहने के कारण लगभग 80 हजार कंबोडियाई ग्रामीण सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने के लिए अपने घरों से पलायन कर गए हैं। कंबोडियाई रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी।
कंबोडियाई रक्षा मंत्रालय की प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल माली सोचेता ने मीडिया को बताया कि तीन प्रांतों प्रीह विहियर, ओद्दार मींचे और पुरसात से पलायन करने वालों की संख्या 80 हजार हो गई है। उन्होंने बताया कि कुल 536 स्कूल बंद कर दिए गए हैं जिससे 1,30,000 छात्र प्रभावित हुए हैं। आंकड़ों के अनुसार गुरुवार को विवादित सीमा क्षेत्रों को लेकर कम्बोडियाई और थाई सैनिकों के बीच सशस्त्र संघर्ष शुरू होने के बाद से दोनों पक्षों के 30 से अधिक लोग मारे गए हैं तथा।,00,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में पहुंचाया गया है। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करने तथा पहले गोलीबारी करने का आरोप लगाया है।
कंबोडिया ने युद्धविराम की इच्छा व्यक्त की :
कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट ने रविवार को कंबोडिया और थाईलैंड के सशस्त्र बलों के बीच तत्काल और बिना शर्त युद्ध विराम के लिए इच्छा दोहराई। एक सोशल मीडिया पोस्ट में मानेट ने कहा कि उन्होंने शनिवार रात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ कंबोडिया-थाईलैंड सीमा पर सशस्त्र झड़पों के मुद्दे पर फोन पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि बातचीत के दौरान ट्रम्प ने इच्छा व्यक्त की कि वे ऐसा युद्ध या लड़ाई नहीं चाहते जिससे दोनों पक्षों के सैनिकों और नागरिकों सहित कई लोगों की मौत हो जाए या वे घायल हो जाएं। उन्होंने दोनों देशों के बीच तत्काल युद्ध विराम और शांति की कामना की।

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