Pharma Tariff : चीन ने खोला भारतीय फार्मा के लिए दरवाजा, भारतीय दवा उत्पादों से हटाया पूरा 30% शुल्क
भारत-चीन व्यापार संबंधों में भी संतुलन
भारत दुनिया भर को जेनेरिक दवाएं और टीके का निर्यात करता है और चीन की ओर से आयात शुल्क शून्य करते हुए अपना बाजार खोलने से भारतीय फार्मा कंपनियों को बड़ी राहत मिलेगी और उन्हें चीन के बड़े बाजार में समान अवसर और बेहतर पहुंच मिलेगी।
बीजिंग। भारतीय दवा उद्योग के लिए चीन से बड़ी खुशखबरी। चीन ने भारतीय दवा उत्पादों पर लगने वाला 30% आयात शुल्क हटाकर पूरा तरह से शून्य कर दिया है। ट्रंप द्वारा फार्मा आयात पर 100 फीसदी टैरिफ लगाने के बाद अब भारतीय कंपनियां बिना किसी शुल्क के चीन को दवाएं निर्यात कर सकेंगी। भारत की सस्ती दवाओं के लिए चीन एक मजबूत वैकल्पिक बाजार बन सकता है और आने वाले समय में भारतीय दवा निर्यात में अरबों डॉलर की बढ़ोतरी हो सकती है। भारत को दुनिया की फार्मेसी के रूप में भी जाना जाता है।
भारत दुनिया भर को जेनेरिक दवाएं और टीके का निर्यात करता है और चीन की ओर से आयात शुल्क शून्य करते हुए अपना बाजार खोलने से भारतीय फार्मा कंपनियों को बड़ी राहत मिलेगी। कंपनियों को चीन के बड़े बाजार में समान अवसर और बेहतर पहुंच मिलेगी। चीन के इस कदम से भारत-चीन व्यापार संबंधों में भी संतुलन आएगा। यह बदलाव भारत में हजारों नौकरियां पैदा करेगा, आमदनी बढ़ाएगा और वैश्विक स्वास्थ्य आपूर्ति शृंखला में भारत की स्थिति को भी मजबूत करेगा।

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