ताइवान ने चीन से जंग के लिए रक्षा पर 40 अरब डॉलर अतिरिक्त खर्च का किया ऐलान
चीन के खतरे के बीच ताइवान 40 अरब डॉलर बढ़ाएगा रक्षा बजट
ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने घोषणा की है कि देश 2027 तक चीन से संभावित खतरे से निपटने के लिए रक्षा पर 40 अरब डॉलर अतिरिक्त खर्च करेगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं होगा और ताइवान लोकतंत्र की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
ताइपे। चीन से साल 2027 तक हमले के खतरे का सामना कर रहे ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग ते ने बुधवार को बड़ा ऐलान किया है। ताइवान चीन के खतरे से निपटने के लिए 40 अरब डॉलर की अतिरिक्त राशि रक्षा पर खर्च करेगा। ताइवानी राष्ट्रपति लाई ने कहा कि इतिहास ने यह साबित किया है कि अगर आक्रामकता के खिलाफ आप समझौते का प्रयास करते हैं तो यह केवल गुलामी लाएगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर किसी भी समझौते के लिए कोई जगह नहीं है। लाई ने राष्ट्रपति भवन में कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वतंत्रता तथा लोकतंत्र के मुख्य मूल्य हमारे देश की नींव है। ताइवान ने यह ऐलान ऐसे समय पर किया है जब चीन बहुत बड़े पैमाने पर जंग की तैयारी कर चुका है।
अपनी रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध:
चीन की सेनाएं न केवल ताइवान बल्कि अमेरिका, जापान और फिलीपींस तक को धमका रही हैं। ताइवानी राष्ट्रपति ने इससे पहले वॉशिंगटन पोस्ट में लिखे अपने लेख में कहा था कि उनका देश रक्षा पर 40 अरब डॉलर और खर्च करेगा। उन्होंने कहा कि ताइवान यह दिखा रहा है कि वह अपनी रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि यह लोकतांत्रिक ताइवान की रक्षा करने और चीन का ताइवान बनने से इंकार करने के बीच संघर्ष है। उन्होंने कहा कि यह केवल एक वैचारिक संघर्ष या एकीकरण बनाम स्वतंत्रता का विवाद नहीं है।
ताइवान तबाही की ओर जा रहा: चीन
पिछले 5 साल से चीन ने अपने दबाव को बढ़ा दिया है और अपने दावे को दोहरा रहा है। चीन के इस दावे को ताइवान पूरी कड़ाई के साथ खारिज करता है। इससे पहले चीन के ताइवान मामलों के प्रवक्ता ने कहा था कि ताइपे बाहरी ताकतों को अनुमति दे रहा है ताकि वे उसके निर्णयों को निर्धारित कर सकें। चीनी प्रवक्ता ने कहा, यह ताइवान को केवल तबाही की ओर ले जाएगा।
ताइवान पर लगातार अमेरिका दबाव बना रहा है कि वह अपनी रक्षा पर और ज्यादा खर्च करे। यह ठीक उसी तरह से है जैसे अमेरिका यूरोप पर खर्च बढ़ाने के लिए दबाव बना रहा है। ताइवान का इरादा है कि वह साल 2030 तक अपनी रक्षा पर जीडीपी का 5 प्रतिशत खर्च करे। साल 2026 तक ताइवान सरकार 30 अरब डॉलर खर्च करने की योजना रखती है जो जीडीपी का 3.32 प्रतिशत है। साल 2009 के बाद पहली बार ऐसा है जब ताइवान का रक्षा बजट जीडीपी के 3 प्रतिशत के आंकड़े को पार कर गया है। ताइवान के रक्षा की गारंटी अमेरिका की है लेकिन जब से ट्रंप सत्ता में आए हैं, उन्होंने केवल एक हथियार डील को मंजूरी दी है।

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