सेवानिवृत्त प्रोफेसर के पक्ष में विधिक परामर्श, फिर भी धरना - 41 डिग्री तापमान में 8 घंटे तपाया

सेवानिवृत्त प्रोफेसर के पक्ष में विधिक परामर्श, फिर भी धरना - 41 डिग्री तापमान में 8 घंटे तपाया

उदयपुर सुखाड़िया विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रो. अनिल कोठारी ने बुधवार को 41 डिग्री से अधिक तापमान में 8 घंटे धरना दिया, उसके बाद उन्हें पेंशन जारी की गई। दरअसल, प्रो. कोठारी के पेंशन को लेकर सुविवि प्रबंधन ने विधिक परामर्श लेने का निर्णय लिया था।

 उदयपुर। सुखाड़िया विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रो. अनिल कोठारी ने बुधवार को 41 डिग्री से अधिक तापमान में 8 घंटे धरना दिया, उसके बाद उन्हें पेंशन जारी की गई। दरअसल, प्रो. कोठारी के पेंशन को लेकर सुविवि प्रबंधन ने विधिक परामर्श लेने का निर्णय लिया था। यह परामर्श प्रो. कोठारी के पक्ष में गया लेकिन कुलपति प्रो. अमेरिका सिंह की अनुपस्थिति और कार्यवाहक कुलपति प्रो. पीके सिंह के अधिकार क्षेत्र से बाहर का मामला होने से प्रो. कोठारी की पेंशन जारी करने से मना कर दिया गया। ऐसे में प्रो. कोठारी ने प्रशासनिक भवन के बाहर तपती धूप में धरना दिया। ऐसे में सुविवि प्रबंधन ने कुलपति प्रो. अमेरिका सिंह से संपर्क साधा तो पहले तो उन्होंने फोन ही नहीं उठाया, उसके बाद उनके पुत्र से संपर्क कर बात की गई तो उन्होंने 45 मिनट में आदेश जारी करने की बात कही, लेकिन आदेश जारी नहीं किए। उसके बाद शाम 6.15 बजे यह आदेश जारी किए गए। जिसके बाद प्रो. कोठारी ने धरना समाप्त किया।

न ऑनलाइन स्वीकृति दी और न मौखिक
बता दें, कुलपति प्रो. अमेरिका सिंह ने दस दिवसीय अवकाश लेने से पहले राजभवन को लिखे पत्र में कहा गया कि कार्यवाहक कुलपति प्रो. पीके सिंह सारी जिम्मेदारी देखेंगे, लेकिन विशेष मामलों में खुद कुलपति अमेरिका सिंह आॅनलाइन या मौखिक स्वीकृति देंगे। लेकिन प्रो. कोठारी के मामले में ऐसा नहीं हुआ। प्रो. कोठारी को आठ घंटे धूप में तपने के बाद मेल से स्वीकृति जारी की गई। ऐसे में धूप में धरने पर बैठे प्रो. कोठारी की तबियत भी खराब हो गई। इस बीच रजिस्ट्रार सीआर देवासी ने प्रो. कोठारी से समझाइश के काफी असफल प्रयास किए। रजिस्ट्रार ने इस संबंध में मुख्य सचिव, राजभवन और जिला प्रशासन को पत्र लिखकर मामले की सूचना दे दी है।  वहीं, पूर्व केंद्रीय छात्रसंघ अध्यक्ष निखिलराज सिंह भी प्रो. कोठारी के समर्थन में उनके साथ धरने पर बैठे।

यह है मामला
प्रो. अनिल कोठारी की इसी साल सेवानिवृत्ति के बाद से ही इनके पेंशन परिलाभ जारी नहीं किए गए। ऐसे में प्रो. कोठारी ने कुछ दिनों पूर्व बेमियादी अनशन की चेतावनी दी थी, लेकिन उससे पहले कुलपति प्रो. सिंह के निर्देश पर उनके द्वारा नियुक्त कार्यवाहक कुलपति ने बातचीत कर मामला टालकर आश्वासन दिया कि विधिक परामर्श लेने के बाद पेंशन जारी कर दी जाएगी। ऐसे में विधिक परामर्श लिया गया, तो प्रो. कोठारी के पक्ष में निर्णय गया। प्रो. कोठारी ने इसकी सूचना पर सुविवि प्रबंधन से संपर्क साधा तो उन्हें यह कहकर स्पष्ट मना कर दिया कि जब तक कुलपति प्रो. अमेरिका सिंह के आदेश प्राप्त नहीं होते हैं तब तक पेंशन जारी नहीं की जा सकती है। ऐसे में प्रो. कोठारी ने इस नियम का विरोध करते हुए प्रशासनिक भवन के बाहर धूप में धरना दिया।


इनका कहना है..
सेवानिवृत्त प्रो. कोठारी की पेंशन को लेकर विधिक परामर्श लिया गया था, जो उनके पक्ष में आया। कार्यवाहक कुलपति द्वारा इसे विशेष मामले में रखते हुए अधिकार से बाहर होना बताया। कुलपति प्रो. सिंह ने बुधवार शाम 6.15 बजे मेल कर आदेश जारी किए। धूप में अकेले धरने पर बैठे प्रो. कोठारी से समझाइश भी की लेकिन वे नहीं माने। -सीआर देवासी, रजिस्ट्रार, सुविवि

 


 

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