भारत की सैन्य शक्ति
भारत के कुछ पड़ोसी देश भारत के लिए गंभीर खतरा बने हुए हैं, तो ऐसे में भारत की सामरिक ताकत को बढ़ाना जरूरी बन जाता है। वैसे आज भी भारत सैन्य शक्ति के मामले में ज्यादा कमजोर नहीं है, लेकिन हमारी वायुसेना पिछले लंबे अर्से से कुछ और अत्याधुनिक प्रणाली से लैस युद्धक विमानों की मांग करती रही है। वायुसेना के मौजूदा विमान काफी पुराने पड़ चुके हैं और दुनिया में इस वक्त नई उच्च प्रणाली के युद्धक विमान तैयार हो गए हैं।
भारत के कुछ पड़ोसी देश भारत के लिए गंभीर खतरा बने हुए हैं, तो ऐसे में भारत की सामरिक ताकत को बढ़ाना जरूरी बन जाता है। वैसे आज भी भारत सैन्य शक्ति के मामले में ज्यादा कमजोर नहीं है, लेकिन हमारी वायुसेना पिछले लंबे अर्से से कुछ और अत्याधुनिक प्रणाली से लैस युद्धक विमानों की मांग करती रही है। वायुसेना के मौजूदा विमान काफी पुराने पड़ चुके हैं और दुनिया में इस वक्त नई उच्च प्रणाली के युद्धक विमान तैयार हो गए हैं। हमारी वायु सेना किसी भी हालत में कमजोर नहीं पड़नी चाहिए, इसके मद्देनजर ही राफेल विमानों की खरीद की गई थी। अब भारत सरकार ने चीन और पाकिस्तान से बढ़ते सीमा विवाद के बीच वायुसेना के लिए 83 तेजस फाइटर जेट खरीदने की मंजूरी दे दी है। ये सभी फाइटर जेट हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) तैयार करेगी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि यह डील देश के लिए गेम चेंजर साबित होगी। रक्षा के क्षेत्र में मैन्युफैक्चरिंग को मजबूती मिलेगी। तेजस के निर्माण के लिए एचएएल ने नासिक और बेंगलुरू में सेटअप तैयार कर लिया है। तेजस के उत्पादन में 60 प्रतिशत स्वदेशी उपकरण और तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। वायुसेना को इतने तेजस मिलने से उसकी ताकत में काफी इजाफा होगा और पुराने पड़ रहे मिग-21 को बदलेंगे। मिग-21 विमान आए दिन दुर्घटनाग्र्रस्त हो चुके हैं। एचएएल ने 1980 के दशक में तेजस पर काम शुरू किया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसे तेजस नाम दिया था। इसके बाद 2007 में इसका उत्पादन शुरू हुआ था। परीक्षणों के बाद जुलाई 2016 में वायुसेना के बेड़े में इसे शामिल किया गया। इसे पाकिस्तान के जेएफ 17 थंडर के मुकाबले बेहतर माना जाता है।
83 तेजस विमान और मिल जाने से वायुसेना के पास तेजस श्रृंखला में 123 विमान हो जाएंगे, जिससे 6 से 8 एक्वाड्रन तैयार हो जाएंगे। हमारे देश में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो सैन्य साजे-सामान पर अधिक खर्च को लेकर आलोचनाएं शुरू हो जाती है। लेकिन देश के सामने जैसे हालात हैं उनमें आर्थिक विकास के साथ-साथ सामरिक रूप से मजबूती भी काफी जरूरी है। सामरिक ताकत के बल पर ही कोई भी देश शक्तिशाली माना जाता है। वर्तमान में भारत, चीन और पाकिस्तान की साजिशों से घिरा हुआ है। देश मुकाबले के लिए खड़ा है, लेकिन हालात के मद्देनजर सैन्य ताकत को बढ़ाना जरूरी हो जाता है।
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