पीलीबंगा में दलित युवक की हत्या मामला : प्रियंका और राहुल गांधी को दलित व वंचितों की सुध लेने राजस्थान आना चाहिए : पूनिया
कानून-व्यवस्था नियंत्रण से बाहर: राठौड़
जयपुर। प्रदेश के पीलीबंगा में दलित युवक की हत्या के मामले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने बयान जारी कर कहा कि देश और दुनियां में राजस्थान की छवि एक शांतिप्रिय प्रदेश की थी, लेकिन अशोक गहलोत सरकार के शासन में सारे मापदंड तोड़ दिए गए हैं। राजस्थान सर्वाधिक अपराधग्रस्त राज्यों में शुमार हो गया। यहां बहन-बेटियां, दलित-आदिवासी कोई भी सुरक्षित नहीं है। पूनिया ने कहा कि कांग्रेस सरकार के शासनकाल में हत्या, दुष्कर्म, डकैती, लूट आदि के 6 लाख से अधिक मुकदमें दर्ज हुए है। अफसोस है कि दलितों और वंचितों के हितैषी होने का दावा करने वाली गहलोत सरकार के राज में बीते वर्ष में 21 प्रतिशत से अधिक दलित अपराधों में बढ़ोतरी हुई है। अब नया मामला पीलीबंगा के प्रेमपुरा का है, जहां एक दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। राजस्थान में दलित अत्याचार का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले झालावाड़, अलवर सहित कई जिलों में भी दलित युवकों की हत्याएं हो चुकी हैं। इससे मुझे लगता है कि प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के लिए सबक है, जो दूसरे प्रदेशों में राजनीतिक पर्यटन करते हैं, उन्हें राजस्थान के पीड़ित दलित व वंचितों की सुध लेने आना चाहिए।
कानून-व्यवस्था नियंत्रण से बाहर: राठौड़
उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने पीलीबंगा में दलित युवक की हत्या पर दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की है। सोशल मीडिया के जरिए राठौड़ ने कहा कि इस घटना से गहलोत सरकार की लचर कानून-व्यवस्था का एक और निर्मम चेहरा सामने आया है। दलित युवक की हत्या से स्पष्ट है कि राजस्थान में कानून-व्यवस्था की स्थिति दिन प्रतिदिन भयावह और सरकार के नियंत्रण से बाहर हो रही है।
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