अब बच्चों को टीका
चिकित्सा जगत के विशेषज्ञों की अनुमति मिलने के बाद बच्चों के टीकाकरण का अभियान शुरू हो जाएगा।
अब देश में बच्चों के टीकाकरण की तैयारी चल रही है। कोवैक्सीन कोरोना टीके को बच्चों के लिए आपातकालीन उपयोग की अनुमति मिल गई है। हालांकि अभी डीसीजीआई के विशेषज्ञों ने विस्तृत विचार-विमर्श के बाद इसके उपयोग की सिफारिश की है। यदि चिकित्सा जगत के विशेषज्ञों की अनुमति मिलने के बाद बच्चों के टीकाकरण का अभियान शुरू हो जाएगा। विशेषज्ञों की राय मिलने के बाद डीसीजीआई कुछ आवश्यक गाइड लाइन्स के साथ टीकाकरण की मंजूरी दे देगा। बच्चों के लिए तैयार टीके कोवैक्सीन को भारत बायोटेक व आईसीएमआर ने मिलकर बनाया है। कोरोना की दूसरी लहर ने देश में व्यापक कोहराम मचाया था। संक्रमित लोगों के बचाव के सभी उपाय काफी कम पड़ गए थे। सरकारों को पता ही नहीं चला की दूसरी लहर इतनी घातक साबित हो सकती है। फिलहाल दूसरी लहर का असर काफी हद तक घट गया है। जन-जीवन सामान्य हो चला है। लेकिन अभी भी यह नहीं कहा जा सकता कि कोरोना की विदाई हो चुकी है, क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित चिकित्सा जगत के विशेषज्ञ तीसरी लहर की चेतावनी दे रहे हैं। कहा जा रहा है कि इसका सबसे ज्यादा खतरा बच्चों पर मण्डरा सकता है। हालांकि देश में टीकाकरण का अभियान तेजी से चल रहा है और कोई नब्बे करोड़ लोगों को टीके लग चुके हैं। इनमें 18 से अधिक आयु से लेकर बुजुर्ग लोग शामिल हैं। तीसरी लहर बच्चों के लिए आफत बन सकती है तो विश्व भर में चिंता व्यक्त की गई। कई देशों ने सीमित स्तर पर बच्चों का टीकाकरण भी शुरू किया है। उसका प्रभाव देखा जा रहा है। भारत में इसकी तैयारियां चल रही हैं। दरअसल, शुरूआत के बाद से कोरोना वायरस के संक्रमण और असर का जो स्वरूप रहा है उसके मद्देनजर यह कहना मुश्किल है कि संभावित तीसरी लहर का क्या असर रहेगा। भारत में टीकाकरण के बाद बचाव का एक रक्षा कवच अवश्य बना है, लेकिन लोगों को अभी भी सावधानियां बरतते चलना होगा। हमारे बुजुर्गों व युवाओं को सुरक्षा कवच मिलने के बाद अब मासूम बच्चों को टीके लगते हैं तो यह काफी राहतकारी होगा।
अब देश में बच्चों के टीकाकरण की तैयारी चल रही है। कोवैक्सीन कोरोना टीके को बच्चों के लिए आपातकालीन उपयोग की अनुमति मिल गई है। हालांकि अभी डीसीजीआई के विशेषज्ञों ने विस्तृत विचार-विमर्श के बाद इसके उपयोग की सिफारिश की है। यदि चिकित्सा जगत के विशेषज्ञों की अनुमति मिलने के बाद बच्चों के टीकाकरण का अभियान शुरू हो जाएगा। विशेषज्ञों की राय मिलने के बाद डीसीजीआई कुछ आवश्यक गाइड लाइन्स के साथ टीकाकरण की मंजूरी दे देगा। बच्चों के लिए तैयार टीके कोवैक्सीन को भारत बायोटेक व आईसीएमआर ने मिलकर बनाया है। कोरोना की दूसरी लहर ने देश में व्यापक कोहराम मचाया था। संक्रमित लोगों के बचाव के सभी उपाय काफी कम पड़ गए थे। सरकारों को पता ही नहीं चला की दूसरी लहर इतनी घातक साबित हो सकती है। फिलहाल दूसरी लहर का असर काफी हद तक घट गया है। जन-जीवन सामान्य हो चला है। लेकिन अभी भी यह नहीं कहा जा सकता कि कोरोना की विदाई हो चुकी है, क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित चिकित्सा जगत के विशेषज्ञ तीसरी लहर की चेतावनी दे रहे हैं। कहा जा रहा है कि इसका सबसे ज्यादा खतरा बच्चों पर मण्डरा सकता है। हालांकि देश में टीकाकरण का अभियान तेजी से चल रहा है और कोई नब्बे करोड़ लोगों को टीके लग चुके हैं। इनमें 18 से अधिक आयु से लेकर बुजुर्ग लोग शामिल हैं। तीसरी लहर बच्चों के लिए आफत बन सकती है तो विश्व भर में चिंता व्यक्त की गई। कई देशों ने सीमित स्तर पर बच्चों का टीकाकरण भी शुरू किया है। उसका प्रभाव देखा जा रहा है। भारत में इसकी तैयारियां चल रही हैं। दरअसल, शुरूआत के बाद से कोरोना वायरस के संक्रमण और असर का जो स्वरूप रहा है उसके मद्देनजर यह कहना मुश्किल है कि संभावित तीसरी लहर का क्या असर रहेगा। भारत में टीकाकरण के बाद बचाव का एक रक्षा कवच अवश्य बना है, लेकिन लोगों को अभी भी सावधानियां बरतते चलना होगा। हमारे बुजुर्गों व युवाओं को सुरक्षा कवच मिलने के बाद अब मासूम बच्चों को टीके लगते हैं तो यह काफी राहतकारी होगा।
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