भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी होगा गैरजमानती अपराध
तीन से सात साल तक की सजा, जल्द लाएंगे अध्यादेश: गहलोत
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी रोकने और अनुचित साधनों के प्रयोग में शामिल लोगों के खिलाफ सख्ती के लिए राज्य सरकार इससे जुड़े कानून को और कड़ा बनाएगी। इस सम्बन्ध में जल्द ही अध्यादेश लाया जाएगा। इसमें प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल कराने, पेपर लीक सहित अन्य गड़बड़ियों में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के प्रावधान होंगे। भर्ती परीक्षाओं में अनुचित साधनों के प्रयोग को संज्ञेय अपराध के साथ इसे गैर-जमानती अपराध की श्रेणी माना जाएगा और इससे जुड़ी सजा तीन साल से बढ़ाकर सात साल करने का प्रावधान किया जाएगा। गहलोत रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर गृह विभाग की उच्च-स्तरीय बैठक को संबोधित कर रहे थे।
सरकारी कर्मचारी होंगे बर्खास्त, निजी संस्थाओं की मान्यता होगी निरस्त
गहलोत ने कहा कि भविष्य में होने वाली सभी भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी होने पर इसमें संलिप्त पाए गए लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक, डमी कैंडिडेट बैठाने और नकल कराने जैसे मामलों में किसी भी सरकारी अधिकारी-कर्मचारी की संलिप्तता मिलने पर उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया जाएगा। यदि किसी निजी शिक्षण संस्थान से जुड़े व्यक्ति की गड़बड़ी में संलिप्तता मिलती है तो संबंधित संस्थान की मान्यता स्थायी रूप से समाप्त कर दी जाएगी।
सीएस और डीजीपी आज करेंगे कलेक्टर-एसपी से वीसी
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि रीट-2021 की तरह ही अक्टूबर में प्रस्तावित पटवारी भर्ती परीक्षा और इसके बाद होने वाली आरएएस प्रारंभिक परीक्षा के सभी अभ्यर्थियों को नि:शुल्क यात्रा की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। दोनों परीक्षाओं के अभ्यर्थियों को नि:शुल्क यात्रा देने के लिए रोडवेज बसों के अलावा पर्याप्त संख्या में निजी बसों की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने इस संबंध में व्यवस्थाओं के लिए प्रमुख शासन सचिव परिवहन को निर्देश दिए है। साथ ही सीएम ने डीजीपी को कानून और व्यवस्थाएं बनाए रखने और किसी भी तरह की गड़बड़ी रोकने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद मुख्य सचिव और डीजीपी सोमवार को जिलों के कलेक्टर-एसपी के साथ वीसी करेंगे।
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