मेला शुरु होने के 5वें दिन खुले दशहरा मैदान के शौचालय

दुकानदार व व्यापारी हो रहे थे परेशान : मेला समिति की बैठक में मुद्दा उठने के बाद हरकत में आए निगम अधिकारी

मेला शुरु होने के 5वें दिन खुले दशहरा मैदान के शौचालय

व्यापारी व दुकानदार मैदान को साफ रखने के लिए शौचालय का उपयोग करना चाहता है लेकिन हालत यह है कि वहां जाने पर उन्हें ताला लगा मिलने पर वह इधर-उधर भटकने को मजबूर हो रहे थे। ऐसे में वह मैदान को ही गंदा कर रहे थे।

कोटा । कोरोना काल के दो साल बाद एक बार फिर से आयोजित हो रहे दशहरा मेले को एक तरफ तो राष्ट्रीय स्तर का बनाने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ हालत यह है कि मेला शुरू  होने के पांच दिन बाद दशहरा मैदान के शौचालयों के ताले  शुक्रवार को खुले हैं। जिससे मेले में आए दुकानदार व व्यापारी परेशान हो रहे थे। साथ ही मैदान को भी गंदा कर रहे थे। दशहरा मैदान में श्रीराम रंगमंच के पास से लेकर विजयश्री रंगमंच के सामने  झूला बाजार के पास महिलाएं व पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय बने हुए हैं। जिन्हें मेला शुरू होने से पहले ही साफ सुथरा किया जाना था। लेकिन हालत यह है कि मेला शुरु होने के चार दिन बाद तक भी निगम अधिकारियों ने उन शौचालयों की सुध तक नहीं ली। भाजपा पार्षदों ने  दशहरा मैदान का निरीक्षण किया तो उन्होंने शौचालयों पर ताले लगे देखे। इसके बाद उन्होंने मेला अधिकारी को इससे अवगत करवाते हुए शौचालयों को शीघ्र खुलवाने की मांग की थी। हालांकि नगर निगम मेला समिति की बैठक में भी शौचालयों की साफ सफाई पर चर्चा तो कई बार हुई थी। लेकिन संवेदक व निगम के सफाई कर्मचारियों में से इनकी सफाई किससे करवाई जाए। यह तय नहीं होने के कारण मेला शुरु होने के चार दिन बाद तक भी सभी शौचालयों पर ताले लगे हुए थे। जिससे न तो उनकी सफाई हो पा रही है और न ही उपयोग।  जिसका खामियाजा मेले में देशभर से आए व्यापारी व आमजन को भुगतना पड़ रहा था। व्यापारी व दुकानदार मैदान को साफ रखने के लिए शौचालय का उपयोग करना चाहता है लेकिन हालत यह है कि वहां जाने पर उन्हें ताला लगा मिलने पर वह इधर-उधर भटकने को मजबूर हो रहे थे। ऐसे में वह मैदान को ही गंदा कर रहे थे। 

चौथे दिन हुआ निर्णय, तब खुले ताले
व्यापाििरयो व आमजन की इस परेशानी को देखते हुए मेला समिति की एक दिन पहले हुई बैठक में मेला अधिकारी गजेन्द्र सिंह ने इस मामले को समिति के समक्ष रखा। जिसमें उन्होंने बताया कि शौचालयों की सफाई चाहे निगम के सफाई कर्मचारियों से करवाओ या सुलभ इंटरनेशनल से या संवेदक के कर्मचारियों से। उन्हें इससे कोई मतलब नहीं है  लेकिन किसी भी हालत में शौचालयों के ताले खुलवाकर उनकी सफाई करवाए जाए। जिससे लोग उनका उपयोग कर सके। उसके बाद बैठक में काफी देर तक बहस होने और सफाई कर्मचारियों व सुलभ इंटरनेशनल की कमियों व अच्छाईयों पर चर्चा की गई। जिसके बाद उस पर निर्णय हो सका। 

सुलभ इंटरनेशनल को दिया शौचालय सफाई का काम
मेला समिति की बैठक में शौचालयों की सफाई का मुद्दा उठने पर काफी देर चर्चा व वाद विवाद के बाद आखिरकार समिति ने सुलभ इंटरनेशनल को शौचालयों की सफाई का काम दिया है। जिसमें शर्त रखी गई कि 24 घंटे जिसमें रात के समय भी शौचालयों की सफाई करवाई जाएगी। यदि समय पर सफाई नहीं मिलीे तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा। मेला समिति की बैठक में हुए निर्णय के बाद शुक्रवार को सुबह दशहरा मैदान के सभी शौचालयों के ताले खुल गए। सभी की साफ सफाई की गई। जिससे लोगों ने उनका उपयोग भी शुरु कर दिया। 

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