सीडीएस विपिन रावत हेलिकॉप्टर क्रैश प्रकरण : तीन हजार घंटे सेना के हेलिकॉप्टर-विमान उड़ाने वाले रिटायर्ड विंग कमांडर सुरेन्द्र श्यौराण से खास बातचीत

सीडीएस विपिन रावत हेलिकॉप्टर क्रैश प्रकरण : तीन हजार घंटे सेना के हेलिकॉप्टर-विमान उड़ाने वाले रिटायर्ड विंग कमांडर सुरेन्द्र श्यौराण से खास बातचीत

पायलट पीएस चौहान को मैंने भी ट्रेनिंग दी थी, काबिल-तेजतर्रार थे...वेलिंगटन में हेलिकॉप्टर उतारना चुनौतीपूर्ण रहा है, मौसम भी खराब हुआ, यही संभवत: दुर्घटना का कारण हो सकता है

 जयपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चार साल तक सेना के हेलिकॉप्टर-विमान में यात्रा कराने वाले और सियाचीन ग्लेशियर सहित कारगिल युद्ध में शामिल रहे एयरफोर्स के जयपुर के हनुमान नगर निवासी (मूलत: जिला झुंझुनूं ) रिटायर्ड विंग कमांडर सुरेन्द्र श्यौराण से ही सीडीएस विपिन रावत का हेलिकॉप्टर उड़ा रहे पायलट पीएस चौहान ने हेलिकॉप्टर उड़ाने की ट्रेनिंग ली थी। 3 हजार घंटे सेना के हेलिकॉप्टर और विमान उड़ा चुके श्यौराण हेलिकॉप्टर क्रैश हादसे से अत्यंत दुखी है। क्रैश में चौहान भी वीरगति को प्राप्त हुए हैं।


श्यौराण ने नवज्योति से खास बातचीत में बताया कि वीवीआईपी उड़ान में पायलट पर अच्छा-खासा दबाव रहता है। वेलिंगटन का यह हैलीपैड स्टेशन काफी ऊंचाई पर है। मेरा अनुभव है कि यहां उड़ान भरना-उतारना हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है, वे भी इसे महसूस कर चुके हैं। यह नीलगिरी की पहाड़ियों से घिरा घना जंगल क्षेत्र है। यहां मौसम अनिश्चित सा रहता है। कभी भी खराब हो जाता है, जिसका पूर्वानुमान लगाना मुश्किल होता है। यहीं दो कारण संभवत: दुर्घटना के रहे होंगे।  चुनौतीपूर्ण वेलिंगटन हेलीपैड और ऊपर से दुर्घटना के वक्त मौसम खराब हो गया, विजिबिलिटी कम हो गई होगी। कुछ देर में ही संभवत: हेलिकॉप्टर क्रैश की घटना हुई होगी। हालांकि हेलिकॉप्टर का जो ब्लैक बॉक्स मिला है उसमें विभिन्न 70 पैरामीटर्स से भी ज्यादा की जानकारियां एकत्रित होती रहती है। जैसे ही यह खुलेगा, संभवत: क्रैश होने की बहुत सी जानकारियां सामने आ जाएगी। हेलिकॉप्टर में तकनीकी मेल-फंक्शन (गड़बड़ी) से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। श्यौराण दुर्घटना में अपने अनुभव के अनुसार अन्य कोई साजिश-आशंका से इनकार करते हैं।

100 से ज्यादा पायलटों को दी ट्रेनिंग
वे बताते हैं कि उन्होंने 800 से अधिक पायलटों के साथ एयरफोर्स ड्यूटी के दौरान उड़ान भरी है। 100 से ज्यादा पायलटों को उन्होंने ट्रेनिंग दी है। चौहान भी उनमें से एक थे। लेकिन वे आज भी उनके जहन में है क्योंकि वे काफी काबिल और तेजतर्रार पायलट थे। अत्याधुनिक हेलिकॉप्टर एमआई-17 सहित अन्य दुर्गम इलाकों में उन्हें उड़ानों का अच्छा अनुभव था। जिस जगह तमिलनाडू में हेलिकॉप्टर एमआई-17 जिसमें सीडीएस रावत सहित अन्य सैन्य अधिकारी सवार थे, क्रैश हुआ है। वहां से उन्होंने भी कई उड़ानें भरी और उतारी है।

सियाचिन में भरी एक हजार घंटे उड़ान
श्यौराण ने बताया कि मैंने चुनौती पूर्ण मौसम में सियाचिन ग्लेशियर में 1 हजार घंटे उड़ान भरी है, ग्लेशियर पर हेलिकॉप्टर भी उतारे हैं। विपरीत मौसम में भी बिहार-जम्मू एंड कश्मीर में आपदा में हजारों लोगों की जानें बचाई।

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