भारतीय सेना नहीं हटी तो झुकी चीनी सेना, देपसांग से 3 सैन्य चौकियों को हटाया 

सैन्य चौकियों को दूसरी जगह पर स्थापित किया है

 भारतीय सेना नहीं हटी तो झुकी चीनी सेना, देपसांग से 3 सैन्य चौकियों को हटाया 

भारतीय सैनिकों ने अब आसानी से इस इलाके में गश्त लगाना शुरू कर दिया है। चीन ने अब अपनी इन सैन्य चौकियों को दूसरी जगह पर स्थापित किया है।

बीजिंग। पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना के 50 हजार सैनिकों की दृढ़ता का नतीजा अब आने लगा है। साल 2020 में गलवान हिंसा के बाद से ही भारतीय सेना के ये वीर जवान भीषण सर्दी में भी चीन की आंख में आंख डालकर खड़े हैं। भारतीय सेना के इस साहस का नतीजा आने लगा है और चीन को देपसांग सेक्टर में अपने सैनिकों को हटाना पड़ा है। ताजा सैटलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि भारत और चीन में समझौते के बाद देपसांग सेक्टर के वाई जंक्शन में चीन की सेना ने अपनी 3 चौकियों को नष्ट कर दिया है। चीनी सेना करीब 20 किमी पीछे हटी है। इससे भारतीय सैनिकों ने अब आसानी से इस इलाके में गश्त लगाना शुरू कर दिया है। चीन ने अब अपनी इन सैन्य चौकियों को दूसरी जगह पर स्थापित किया है।

इससे पहले चीन ने भारतीय सैनिकों को इस इलाके में गश्त लगाने से रोक दिया था और सैन्य ढांचे को मजबूत किया था। चीन ने जिन नई सैन्य चौकियों को बनाया है, वह विवादित इलाके से दूर हैं। यही नहीं पीएलए की ये सैन्य चौकियां अल्पकालिक प्रकृति की हैं। चीनी सेना पहले की स्थिति से करीब 20 किमी पीछे गई है। ताजा सैटलाइट तस्वीरें अक्टूबर महीने में ली गई हैं। इन तस्वीरों से साफ हो गया है कि चीन ने अपनी सेना को पीछे किया है। इससे पहले 21 अक्टूबर को भारत और चीन के बीच देमचोक और देपसांग के मैदानी इलाकों में गश्त के लिए समझौता हुआ था ताकि एलएसी पर तनाव को कम किया जा सके।

भारत और चीन में सामान्य हो रहे हैं रिश्ते
इस समझौते के बाद देपसांग में गश्त हो गई है। यह इलाका वैसे ज्यादा चैलेंजिंग माना जाता था। ताजा समझौते के मुताबिक अब दोनों सेनाओं के बीच गश्त अब अप्रैल 2020 के पूर्व की स्थिति के मुताबिक होना चाहिए। इससे यह संकेत मिलता है कि इस रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इलाके में हालात सामान्य होने की ओर बढ़ रहे हैं। भारतीय सेना के अधिकारी पहले ही पेट्रोल प्वाइंट 10 से 13 तक जा चुके हैं और उन्होंने खुद से चीन के सैनिकों को हटाने को वेरिफाई किया है। बताया जा रहा है कि इस गश्त के शुरू होने के बाद अब चरवाहों को भी अपनी भेड़ें चराने की अनुमति मिल सकती है। भारत कह दिया था कि जब तक वाई जंक्शन में गश्त लगाने का अधिकार नहीं मिलेगा तब तक कोई समझौता नहीं होगा। यह इलाका चीन और भारत के बीच लंबे समय से गतिरोध का विषय बना हुआ था। अब चीन के झुकने के बाद भारतीय सेना ने गश्त लगाना शुरू कर दिया है। दीवाली पर भारतीय और चीनी सेनाओं ने एक-दूसरे को मिठाई बांटी थी। भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस समझौते की पुष्टि की थी।

 

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