हत्या और दुष्कर्म से जुड़े पीड़ित पक्ष कर रहे न्याय का इंतजार

अधीनस्थ अदालतों में 12 हजार से ज्यादा मामले लम्बित

हत्या और दुष्कर्म से जुड़े पीड़ित पक्ष कर रहे न्याय का इंतजार

इस संबंध में विधि विशेषज्ञों का कहना है कि इन मुकदमों की सेशन ट्रायल होती है, यानि की इन्हें गंभीरता से लेते हुए एक साल की अवधि में सुनवाई पूरी की जानी चाहिए।

जयपुर। प्रदेश की अधीनस्थ अदालतों में दुष्कर्म और हत्या के जुड़े कुल 12898 प्रकरणों से जुड़ा पीड़ित पक्ष न्याय का इंतजार कर रहा है। बीते पांच साल की बात करें तो वर्ष 2018 में हत्या के 540 मुकदमे लंबित थे, जो बढ़कर 2022 तक 924 हो गए। वहीं इसी दौरान दुष्कर्म के 578 मुकदमों का आंकड़ा बढ़कर 2151 हो गया। वर्ष 2020-21 ऐसी अवधि रही जब अदालतों में बलात्कार के मामले 1096 से बढ़कर सीधे 1917 पर पहुंच गए। इस संबंध में विधि विशेषज्ञों का कहना है कि इन मुकदमों की सेशन ट्रायल होती है, यानि की इन्हें गंभीरता से लेते हुए एक साल की अवधि में सुनवाई पूरी की जानी चाहिए। इसके बावजूद कानूनी पेचीदगियों के चलते अदालतों में सालों से इस तरह के मुकदमे लंबित चल रहे हैं। 

वर्ष    हत्या    बलात्कार
2018    540    578
2019    596    1051
2020    804    1063
2021    961    1917
2022    924    2151
एक जनवरी, 2023 तक हत्या के कुल 5,156 और बलात्कार के 7,742 मुकदमे प्रदेश की निचली अदालतों में लंबित थे। 

हत्या और दुष्कर्म के मामले में गंभीर प्रकृति के होते हैं। ऐसे में इनकी सुनवाई फास्ट ट्रेक अदालतों की तर्ज पर की जानी चाहिए। अपराध पुराना होने का लाभ आरोपी पक्ष को मिलता है।
- सीसी रत्नू, विपुल शर्मा अधिवक्ता

Post Comment

Comment List

Latest News

दूसरे फेज में निष्क्रिय रहे कांग्रेसियों की रिपोर्ट मांगी, शहरी क्षेत्रों में प्रचार पर बढाया जोर दूसरे फेज में निष्क्रिय रहे कांग्रेसियों की रिपोर्ट मांगी, शहरी क्षेत्रों में प्रचार पर बढाया जोर
राजस्थान में लोकसभा चुनाव के दूसरे फेज में प्रचार समाप्त होने के बाद कांग्रेस रणनीतिकार अब मतदाताओं को अधिक वोट...
जदयू नेता सौरभ कुमार की गोली मारकर हत्या
इराक में 11 आईएस आतंकवादियों को दी फांसी, अभी भी बड़े पैमाने पर छिपे 
ब्राजील में टक्कर के बाद वाहन में लगी आग, 4 लोगों की मौत
2nd Phase वाले लोकसभा क्षेत्रों में अब तक दो लाख 21 हजार से अधिक कार्मिक कर चुके हैं मतदान
तेलंगाना में बस से टकराई अनियंत्रित बाइक, 10 लोगों की मौत
प्रदूषण नियंत्रण जांच केंद्रों को लेकर परिवहन विभाग हुआ सख्त