त्रिशा और गायत्री की हार के साथ भारतीय चुनौती समाप्त
कोरिया की बैक ना हा और ली सो ही के हाथों हार
गायत्री ने मैच के बाद कहा कि सेमीफाइनल मुकाबले में खेलते हुए उनके ऊपर दबाव था, जो मुकाबले के दौरान देखने को भी मिला।
बर्मिंघम। त्रिशा जॉली और गायत्री गोपीचंद की युवा महिला युगल जोड़ी ने शनिवार को आल इंग्लैंड चैंपियनशिप में कोरिया की बैक ना हा और ली सो ही के हाथों हारकर अपना यादगार अभियान समाप्त किया। त्रिशा-गायत्री ने लगातार दूसरी बार टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में जगह बनाई थी लेकिन यहां कोरियाई जोड़ी ने उन्हें 46 मिनट में 21-10, 21-10 से मात दी। इस हार के साथ आल इंग्लैंड चैंपियनशिप में भारतीय चुनौती भी समाप्त हुई। इससे पहले सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी-चिराग शेट्टी, लक्ष्य सेन, किदांबी श्रीकांत और एचएस प्रणय प्री-क्वार्टरफाइनल में ही हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गए थे।
गायत्री ने मैच के बाद कहा कि सेमीफाइनल मुकाबले में खेलते हुए उनके ऊपर दबाव था, जो मुकाबले के दौरान देखने को भी मिला। कोरियाई जोड़ी ने शुरुआत से ही लंबी रैलियों में कोई चूक किए बिना अपने भारतीय प्रतिद्वंदियों पर दबाव बनाया और पहले गेम में ब्रेक तक 11-5 की बढ़त बना ली। ब्रेक के बाद भारतीय जोड़ी ने कुछ अच्छे पॉइंट स्कोर किए लेकिन बैक-ली ने 14-10 से आगे होने के बाद उन्हें कोई मौका नहीं दिया और 21-10 से पहला गेम जीत लिया। दूसरे गेम में त्रिशा-गायत्री का संघर्ष और कड़ा हो गया जबकि कोरियाई युगल ने ब्रेक तक 11-2 की विशाल बढ़त बना ली। गायत्री ने ब्रेक के बाद कोर्ट में फुटवर्क का अच्छा मिश्रण करते हुए बैक-ली की बढ़त को 5-11 कर दिया। भारतीय जोड़ी हालांकि अपने प्रदर्शन को बरकरार नहीं रख सकी और दूसरा गेम भी 21-10 से हार गई।
गौरतलब है कि त्रिशा-गायत्री ने इससे पहले 2021 में भी आल इंग्लैंड चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। उसके बाद से इस जोड़ी ने अपने खेल में लगातार सुधार किया और अगस्त 2022 में राष्ट्रमंडल खेल 2022 में भी कांस्य पदक हासिल किया। इस बार के अपने यादगार अभियान में त्रिशा-गायत्री ने थाईलैंड की सातवीं सीड जोड़ी जोंगकोल्फान कितिथराकुल और रवींद्र प्राजोंग्जाई, जापान की युकी फुकुशीमी और सयाका हिरोता एवं कई बेहतरीन जोड़ियों को मात दी।
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