बांग्लादेश के दो बड़े बंदरगाहों का प्रयोग कर सकेगा भारत, दोस्ती में शुरू हुई नई पहल
गों के बीच परस्पर संपर्क बढ़ेगा
चटगांव बांग्लादेश का एक महत्वपूर्ण बंदरगाह है जो भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के निकट होने के कारण रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।
ढाका। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने चटगांव और सिलहट में देश के बंदरगाहों का इस्तेमाल करने की भारत को पेशकश की है। उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्र में कनेक्टिविटी तथा लोगों के बीच परस्पर संपर्क बढ़ेगा। चटगांव बांग्लादेश का एक महत्वपूर्ण बंदरगाह है जो भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के निकट होने के कारण रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। यदि भारत चाहे तो वह हमारे चटगांव और सिलहट बंदरगाहों का इस्तेमाल कर सकता है।
दोनों देशों में शानदार दोस्ती
इंडिया फाउंडेशन के राम माधव ने रविवार को हसीना के आधिकारिक आवास गणभवन में उनसे मुलाकात की थी। जिस दौरान प्रधानमंत्री ने यह पेशकश की। प्रधानमंत्री हसीना ने कहा कि इस कदम से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी तथा लोगों के बीच परस्पर संपर्क बढ़ेगा। खबर के अनुसार, माधव के साथ बातचीत में हसीना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अपना शुभकामना संदेश भी भेजा। माधव ने हसीना के नेतृत्व में बांग्लादेश की सामाजिक-आर्थिक वृद्धि की सराहना की। खबर में उनके हवाले से कहा गया है, पड़ोसी देश होने के नाते बांग्लादेश और भारत में शानदार मित्रता है और उम्मीद है कि भविष्य में भी यह रिश्ता बरकरार रहेगा। हसीना के डिप्टी प्रेस सेक्रेटरी केएम शखावत मून ने भी इस बारे में मीडिया को जानकारी दी।
दोनों के बीच शुरू हुई पाइपलाइन
दो अहम बंदरगाहों की पेशकश से पहले भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी ने शेख हसीना के साथ 18 मार्च को नॉर्थ बंगाल के सिलीगुड़ी में एक पाइपलाइन का उद्घाटन भी किया है। बांग्लादेश के दिनाजपुर प्रांत के पारबतीपुर में स्थित यह पाइपलाइन 131.5 किलोमीटर लंबी है। इसे भारत-बांग्लादेश फ्रेंडशिप पाइपलाइन का नाम दिया गया है। पाइपलाइन के उद्घाटन के समय भी हसीना ने भारत को बांग्लादेश का सच्चा दोस्त करार दिया था। उन्होंने कहा था कि वो इस दोस्ती को आगे बढ़ाना चाहती हैं।
चीन को लगेगा झटका
कहा जा रहा है कि यह पाइपलाइन चीन पर बांग्लादेश की निर्भरता को कम करेगी। इस पाइपलाइन की नींव सितंबर 2018 में रखी गई थी। बांग्लादेश के सूचना एवं प्रसारण मंत्री हसन महमूद ने ढाका से स्वराज्य को बताया कि नई पाइपलाइन भारत-बांग्लादेश संबंधों में एक और मील का पत्थर है।
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