मलावी में फ्रेडी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 499 हुई

खोज और बचाव अभियान जारी

मलावी में फ्रेडी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 499 हुई

चक्रवात से सोमवार शाम तक 499 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 508,244 लोग इस चक्रवात के कारण विस्थापित हुए हैं।

लिलोंग्वे। दक्षिण-पूर्वी अफ्रीकी देश मलावी में उष्णकटिबंधीय चक्रवात फ्रेडी से मरने वालों की संख्या 499 हो गई है। प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार तंजानिया और जाम्बिया सहित पड़ोसी देशों के सहयोग से मलावी के रक्षा बल, मलावी पुलिस सेवा और ब्रिटेन के द्वारा खोज और बचाव अभियान जारी हैं। चक्रवात से सोमवार शाम तक 499 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 508,244 लोग इस चक्रवात के कारण विस्थापित हुए हैं।

आपदा प्रबंधन मामलों के विभाग के आयुक्त चाल्र्स कालेंबा ने बताया कि विस्थापित लोगों के लिए एक और शिविर लगाया गया है। इसके साथ ही कुल शिविरों संख्या 534 हो गई है। रविवार को प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार चक्रवात के कारण 1,332 घायल हुए है, जबकि 427 लोगों के लापता होने की सूचना है। उन्होंने बताया कि पूर्वी क्षेत्र में तीन और जिलों में चक्रवात फ्रेडी के समाप्त होने के बाद भी भारी बारिश हो रही है।

मलावी के राष्ट्रपति लाजरस चकवेरा द्वारा प्रभावित जिलों में आपदा की स्थिति घोषित करने के बाद, विदेशी मिशन, सरकारें, स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय संगठन, कंपनियों और व्यक्तियों द्वारा मानवीय सहायता प्रदान की जा रही हैं। दक्षिणी अफ्रीकी विकास समुदाय ने मलावी को तीन लाख अमेरिकी डॉलर की सहायता की मंजूरी दे दी है।

Post Comment

Comment List

Latest News

 10 सीटों पर भाजपा प्रत्याशी चयन का काउंट-डाउन शुरू, आधी सीटों पर बदल सकते हैं चेहरे 10 सीटों पर भाजपा प्रत्याशी चयन का काउंट-डाउन शुरू, आधी सीटों पर बदल सकते हैं चेहरे
आगामी 10 सीटों में से भी करीब पांच सीटों पर भाजपा वर्तमान सांसदों के टिकट काटकर नए चेहरों को मौका...
झारखंड मुक्ति मोर्चा से इस्तीफा देकर सीता सोरेन भाजपा में शामिल, सोरेन सरकार में मंत्री नहीं बनाने से थी नाराज
एआईएमबीआईजी पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन
फिल्म मडगांव एक्सप्रेस का गाना हम यहीं रिलीज
वायु सेना के लडाकू विमानों ने आंध्र प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग से भरी उड़ान, कैशल का दिया परिचय
गाजा में इजरायली सेना की छापेमारी, सैनिक की मौत
ऑस्ट्रेलिया ने अफगानिस्तान के साथ टी-20 श्रृंखला की स्थगित, महिलाओं के मानवाधिकारों में गिरावट के मद्देनजर लिया फैसला