भूजल का रिचार्ज से अधिक होता है दोहन
16 ब्लॉक डार्क जोन में हैं
प्रदेश में भूजल रिचार्ज से ज्यादा दोहन किया जा रहा है। सर्वाधिक 323 फीसदी तक दोहन जैसलमेर में हुआ है। वहीं प्रदेश के 89 ब्लॉक में भूजल में खारापन है।
जयपुर। प्रदेश में इस साल मानसून की अच्छी बारिश होने के बाद भी धरती सूखी रह गई। इस साल भूजल 12.13 बीसीएम (अरब घन मीटर) रिचार्ज हुआ, जबकि 16.56 बीसीएम पानी खेती, पेयजल, उद्योग धंधों के लिए भूमि से निकाल लिया गया। राजस्थान में भूजल रिचार्ज की तुलना में दोहन 151.7 प्रतिशत है। साल 2020 में दोहन 150.2 प्रतिशत था, जो 2023 में बढ़कर 151.7 फीसद हो गया है। प्रदेश के 302 ब्लॉक में से 219 ब्लॉक का अत्यधिक दोहन होने से डार्क जोन में आ गए हैं। 22 ब्लॉक क्रिटिकल, 20 ब्लॉक सेमी किट्रिकल श्रेणी में है, जबकि 38 ब्लॉक ही सुरक्षित पाए गए हैं।
डार्क जोन में जयपुर
जयपुर जिले के सभी 16 ब्लॉक डार्क जोन में हैं। यहां से अब भूजल दोहन सुरक्षित नहीं है। केवल श्रीगंगानगर के 9 ब्लॉक ही सुरक्षित हैं। डूंगरपुर के 10 ब्लॉक में से आठ ब्लॉक, हनुमानगढ़ के सात में से 6 ब्लॉक सुरक्षित पाये गए हैं। प्रदेश में भूजल रिचार्ज से ज्यादा दोहन किया जा रहा है। सर्वाधिक 323 फीसदी तक दोहन जैसलमेर में हुआ है। वहीं प्रदेश के 89 ब्लॉक में भूजल में खारापन है। सबसे ज्यादा बाड़मेर के 16 ब्लॉक में है। बीकानेर, नागौर, पाली, चूरू, हनुमानगढ़ में 7-7 ब्लॉक में भूजल खारापन है। जयपुर जिले में केवल फागी ब्लॉक का भूजल में खारापन है। अलवर में 209, दोसा में 208, सीकर में 201, झुंझुनूं में 215, जोधपुर में 258 और जयपुर में 221 फीसदी अधिक दोहन हो रहा है।अजमेर, प्रतापगढ़, पाली, नागौर, कोटा, करौली, झालावाड़, जालोर, धौलपुर, चित्तौड़गढ़, बूंदी, बीकानेर, भरतपुर बाड़मेर और बारा में रिचार्ज से अधिक भूजल दोहन होता है।

Comment List