घटना में वकील घायल हुआ तो इलाज का खर्चा हमलावर को देना होगा

राजस्थान अधिवक्ता संरक्षण विधेयक 2023 संशोधित रूप में विधानसभा में हुआ पारित

घटना में वकील घायल हुआ तो इलाज का खर्चा हमलावर को देना होगा

विधि मंत्री शांति धारीवाल  ने कहा कि  विधेयक में खंडों को विलोपित किया है। उन्होंने कहा कि वकीलों की सहमति के चलते ही इसका दुरुपयोग करने वाले पर दो साल की सजा का प्रावधान किया गया है।

जयपुर। राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को लंबी बहस के बाद राजस्थान अधिवक्ता संरक्षण विधेयक 2023 को संशोधित रूप से पारित किया गया। जब यह विधेयक पारित हो रहा था उस वक्त भाजपा के सदस्य सदन में मौजूद नहीं रहे। विधि मंत्री शांति धारीवाल  ने कहा कि  विधेयक में खंडों को विलोपित किया है। उन्होंने कहा कि वकीलों की सहमति के चलते ही इसका दुरुपयोग करने वाले पर दो साल की सजा का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि जोधपुर की घटना और वकीलों की हड़ताल के कारण सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित हुआ और विधेयक को विधानसभा में लाया गया है।  उन्होंने कहा कि वकीलों के हित में और उनके खिलाफ  हिंसा रोकने के लिए यह विधेयक लाया गया है और इसमें विभिन्न शक्तियां न्यायालय कोई प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि अगर घटना में वकील घायल हो जाए तो उसे इलाज के रुपए हमले करने वाले व्यक्तिको देने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि अगर आपसी सहमति हो जाती है तो समझौते के बाद  मामले को वापस लेने का प्रावधान भी रखा गया है। विधि मंत्री ने कहा कि राजस्थान प्रदेश ही ऐसा है, जहां पर प्रतिवर्ष मुख्यमंत्री पांच करोड रुपए वकीलों के वेलफेयर के लिए बार एसोसिएशन को देते हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिपक्ष को जब यह चिंता थी तो किसी भी विधायक ने संशोधन का प्रस्ताव नहीं दिया। धारीवाल ने कहा कि वकीलों की आपसी सहमति के बाद इस बिल को तैयार किया गया है।

इससे पहले विधेयक पर हुई चर्चा के दौरान भाजपा विधायक दल के उप नेता राजेंद्र राठौड़ ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने बिना विपक्ष को विश्वास मिलिए ही 18 मार्च को विधेयक में संशोधन कर दिया। जबकि विधानसभा कार्य सलाहकार समिति में तय हुआ था 16 मार्च को  विधेयक लाया जाएगा और 21 मार्च को इसे विधानसभा में चर्चा कर पारित किया जाएगा। लेकिन इससे पहले जो संशोधन किया गया है उसे निश्चित तौर पर वकीलों को कोई सुरक्षा मिलने वाली नहीं है। उन्होंने इसका पुरजोर विरोध किया। विधानसभा में इस पर भाजपा के कालीचरण सराफ, वासुदेव देवनानी, अनिता भदेल मदन दिलावर, जोगेश्वर गर्ग, आरएलपी के पुखराज गर्ग ने चर्चा में भाग लिया। विधानसभा में विधेयक को पारित करने से पहले विपक्ष का जनमत जानने  के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया। इसके बाद संशोधित तरीके से वकीलों को संरक्षण देने का यह विधेयक पारित किया गया।

Post Comment

Comment List

Latest News

कम वोटिंग से राजनीति दलों में मंथन का दौर शुरू, दूसरे चरण की 13 सीटों को लेकर रणनीति बनाने में जुटे कम वोटिंग से राजनीति दलों में मंथन का दौर शुरू, दूसरे चरण की 13 सीटों को लेकर रणनीति बनाने में जुटे
ऐसे में इस बार पहले चरण की सीटों पर कम वोटिंग ने भाजपा को सोचने पर मजबूर कर दिया है।...
भारत में नहीं चाहिए 2 तरह के जवान, इंडिया की सरकार बनने पर अग्निवीर योजना को करेंगे समाप्त : राहुल
बड़े अंतर से हारेंगे अशोक गहलोत के बेटे चुनाव, मोदी की झोली में जा रही है सभी सीटें : अमित 
किडनी ट्रांसप्लांट के बाद मरीज की मौत, फोर्टिस अस्पताल में प्रदर्शन
इंडिया समूह को पहले चरण में लोगों ने पूरी तरह किया खारिज : मोदी
प्रतिबंध के बावजूद नौलाइयों में आग लगा रहे किसान
लाइसेंस मामले में झालावाड़, अवैध हथियार रखने में कोटा है अव्वल