लोन ना चुकाने पर गाड़ियों की जबरन जब्ती गलत : कोर्ट का बड़ा फैसला
यह व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का खिलाफ
पटना हाईकोर्ट ने कहा है कि कर्ज नहीं चुकाने वाले गाड़ी मालिकों से जबरन गाड़ी जब्त करना गलत है। यह व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हैं।
पटना। पटना हाईकोर्ट ने कहा है कि कर्ज नहीं चुकाने वाले गाड़ी मालिकों से जबरन गाड़ी जब्त करना गलत है। यह व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हैं। इस प्रकार की धमकाने वाली कार्रवाइयों के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। अदालत ने कहा कि प्रतिभूतिकरण के प्रावधानों का पालन करते हुए वाहन ऋण की वसूली की जानी चाहिए। इसके लिए ग्राहकों के सुरक्षा हित को लागू करें।
जस्टिस राजीव रंजन की सिंगल बेंचप्रसाद ने रिट याचिकाओं के एक बैच का निपटारा करते हुए बैंकों और वित्त कंपनियों को लताड़ लगाई। उन बैंकों को जो बाहुबलियों को बंधक वाहनों को जबरन जब्त करने के लिए तैयार करती हैं। कोर्ट ने कहा कि उच्च न्यायालय किसी भी निजी कंपनी के खिलाफ एक रिट याचिका पर सुनवाई कर सकता है, जिसकी कार्रवाई एक नागरिक को उसके जीवन और आजीविका के मौलिक अधिकार से वंचित करती है, जैसा कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत परिकल्पित है।
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