चार आरोपियों को सात-सात साल की सजा, एक हुआ बरी
रकबर मॉब लिंचिंग प्रकरण
न्यायाधीश सुनील गोयल ने फैसला सुनाते हुए आरोपी परमजीत, धर्मेन्द्र, नरेश और विजय को 304 पार्ट 1 और 323 और 341 में दोषी करार दिया। चारों आरोपियों को कोर्ट ने 7 साल के कारावास की सजा सुनाई है।
अलवर। बहुचर्चित रकबर मॉब लिंचिंग मामले में गुरुवार को अलवर न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए चार आरोपियों को दोषी करार देते हुए 7-7 साल की सजा सुनाई है। एक आरोपी नवल किशोर को बरी कर दिया गया है। न्यायाधीश सुनील गोयल ने फैसला सुनाते हुए आरोपी परमजीत, धर्मेन्द्र, नरेश और विजय को 304 पार्ट 1 और 323 और 341 में दोषी करार दिया। चारों आरोपियों को कोर्ट ने 7 साल के कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी नवल किशोर को कोर्ट ने बरी किया है।
स्पेशल पीपी अशोक शर्मा ने बताया कि 2018 को रकबर मॉब लिंचिंग केस में पुलिस ने धर्मेन्द्र यादव, परमजीत सिंह, नरेश, विजय और नवल किशोर को गिरफ्तार किया था। मामले की आरोपी पक्ष के वकील की ओर से अलवर एडीजे संख्या एक कोर्ट में चश्मदीद गवाह असलम के बयान फिर से कराने के लिए याचिका लगाई गई। याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया था। आरोपी पक्ष के वकील ने हाईकोर्ट में भी याचिका लगाई। इस मामले एडीजे संख्या एक कोर्ट के न्यायाधीश सुनील गोयल ने फैसले के लिए 15 मई की तारीख पेशी तय की थी। इससे पहले हाईकोर्ट ने चश्मदीद असलम के बयानों पर जिरह की याचिका पर सुनवाई के लिए 17 मई की तारीख पेशी तय कर दी थी। इसके चलते अलवर एडीजे -एक के न्यायाधीश ने रकबर मॉब लिंचिंग प्रकरण में फैसले के लिए 25 मई की तारीख तय की।
यह था मामला
रकबर उर्फ अकबर हरियाणा के कोलगांव का रहने वाला था। रकबर और उसका दोस्त असलम 20 जुलाई 2018 की रात राजस्थान के अलवर में थे। वो दोनों रामगढ़ के ललावंडी गांव से पैदल गाय ले जा रहे थे। उन्हें गाय ले जाते हुए देख कुछ लोगों घेर लिया। लोगों को इन पर गोतस्करी करने का शक था। लोगों ने दोनों को पकड़ा और मारपीट शुरू कर दी। इस बीच असलम मौके से भागने में कामयाब रहा, जबकि रकबर की लोगों ने बुरी तरह से पिटाई कर दी। पिटाई के बाद रकबर को पुलिस के हवाले कर दिया गया। पुलिस कस्टडी में ही कुछ घंटे बाद रकबर की मौत हो गई। इस प्रकरण में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें धर्मेन्द्र यादव, परमजीत सिंह, नरेश, विजय और नवल किशोर शामिल थे। मामले में राजस्थान सरकार की ओर से कोर्ट में 67 गवाहों के बयान करवाए गए। इस मामले में पांच लोग चश्मदीद गवाह भी थे। इनमें तत्कालीन रामगढ़ थानाप्रभारी, एएसआई मोहनसिंह, कांस्टेबल नरेंद्र सिंह और रकबर का साथी असलम भी शामिल था।
पहलू खान की हत्या के सभी 6 आरोपी हो चुके एडीजे कोर्ट से बरी, फिलहाल मामला हाईकोर्ट में
इससे पहले अप्रैल 2017 में पहलू खान को गोतस्करी के आरोप में भीड़ ने पीट-पीटकर घायल कर दिया था। अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। पुलिस ने 9 आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया था। इनमें से 3 आरोपी नाबालिग थे। जबकि, 6 आरोपियों विपिन यादव, रविंद्र कुमार, कालूराम, दयानंद, भीमराठी व योगेश कुमार के विरुद्ध अदालत में चालान पेश किया था। अलवर की एडीजे कोर्ट ने सभी आरोपियों को 14 अगस्त 2019 को बरी कर दिया था। राज्य सरकार और पहलू खान के बेटे इरशाद ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। अब मामला हाईकोर्ट में चल रहा है।
Comment List