वैक्सीनेशन के बाद भी पशुओं में लंपी वायरस का फिर मंडराया खतरा

पशुपालन विभाग ने कोई भी मामला होने से किया इनकार

वैक्सीनेशन के बाद भी पशुओं में लंपी वायरस का फिर मंडराया खतरा

पिछले साल लंपी वायरस के प्रकोप को देखते हुए जिले में सघन टीकाकरण अभियान चलाया गया था।

कोटा। जिले में एक बार फिर गौवंशों में लंपी वायरस का खतरा मंडराने लगा है। रामगंजमंडी क्षेत्र के ढाबादेह और जुल्मी में गौवंशों में लंपी के लक्षण सामने  आए हैं। इससे पशुपालक चिंतित होने लगे हैं। हालांकि पशुपालन विभाग ने जिले में लंपी का कोई भी मामला होने से इनकार किया है।   जानकारी के अनुसार जिले के गौवंश लंपी वायरस की चपेट में आने लगे हैं। रामगंजमंडी क्षेत्र के ढाबादेह में एक गौवंश और जुल्मी में दो गौवंश लंपी रोग से पीड़ित हुए हैं। स्थानीन पशुपालकों ने बताया कि 24 सितम्बर को ढाबादेह में एक गौवंश पर गिठान नजर आई थी। इसकी सूचना पशुपालन विभाग के अधिकारियों को दी थी, लेकिन पशु चिकित्सकों के हड़ताल पर होने से किसी ने ध्यान नहीं दिया। इस कारण निजी पशु चिकित्सक के पास गौवंश का उपचार करवाया। उसने गौवंश में लंपी के लक्षण होने की जानकारी दी। इसके बाद जुल्मी में भी दो गौवंश के लंपी से ग्रसित होने का मामला सामने आया है। जिले में फिर से लंपी के दस्तक देने से पशुपालकों में चिंता व्याप्त हो गई है।    

यह हैं बीमारी के लक्षण
- गौवंश के शरीर में गिठाने बनना
- पैरों में सूजन आना
- लंपी से ग्रसित होने पर चारा खाना छोड़ना
- संक्रमित पशु के दूध उत्पादन में गिरावट होना
- मुंह से लार अधिक निकलना

फैक्ट फाइल
कोटा जिले में कुल गौवंश    216000
कोटा जिले में छोटे गौवंश    19000
कितने गौवंशों का टीकाकरण    197000
कितने गौवंशों को बूस्टर डोज    132000

पशुपालन विभाग ने बताई सामान्य बीमारी
इस सम्बंध में पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रामगंजमंडी क्षेत्र में कुछ पशुपालकों ने गौवंशों में लंपी बीमारी होने की सूचना दी थी। इसके बाद पशु चिकित्सा टीम को मौके पर भेजकर जांच कराई गई थी। जिस गौवंश को पशुपालक लंपी वायरस से ग्रसित बता रहे थे वह सामान्य बीमारी से पीड़ित था। उसमें लंपी वायरस की पुष्टि नहीं हुई है। अन्य पशुओं में भी केवल मौसमी बीमारियों के लक्षण मिले हैं, जिनका उपचार कर दिया गया है। अभी तक जिले में लंपी वायरस का एक भी केस नहीं आया है।

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1 लाख 97 हजार पशुओं को लग चुका टीका
पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पिछले साल लंपी वायरस के प्रकोप को देखते हुए जिले में सघन टीकाकरण अभियान चलाया गया था। जिले में 2 लाख 16 हजार गौवंश हैं। इनमें से 1 लाख 97 हजार गौवंशों का टीकाकरण हो चुका है। अन्य गौवंश 4 माह से छोटे हैं। गाइड लाइन के अनुसार इनका टीकाकरण नहीं होता है। ऐसे में इनके टीके नहीं लगाए गए हैं। इसके अलावा 1 लाख 32 हजार गौवंशों को बूस्टर डोज भी लगाई जा चुकी है। ऐसे में इस बार गौवंशों में लंपी बीमारी फैलने की संभावना नहीं हैं। 

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पिछले साल सितंबर व अक्टूबर में फैला था वायरस
जानकारी के अनुसार वर्ष 2022 में लंपी ने सितंबर और अक्टूबर के महीने में काफी कहर बरपाया था। ऐसा माना जाता है कि यह मौसम इस रोग को फैलने के लिए काफी अनुकूल है। कोटा जिले में भी लंपी वायरस के चलते काफी गौवंश प्रभावित हुए थे। लंपी को लेकर राजस्थान देश में सबसे ज्यादा प्रभावित वाले राज्यों में रहा था। ऐसे में पशुपालक फिर से इस साल सितंबर और अक्टूबर माह में लंपी वायरस के फैलने की संभावना जा रहे हैं। पशुपालकों का कहना है कि गौवंश इसकी चपेट में आने लगे हैं। यह रोग तेजी से अन्य पशुओं में फैलता है। इस कारण आगामी दिनों में लंपी वायरस के और मामले सामने आ सकते हैं। 

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पिछले साल भी गौवंशों में लंपी वायरस सितम्बर और अक्टूबर माह में फैला था। इससे काफी संख्या में गौवंश काल कलवित हो गए थे। इस बार भी मामले सामने लगे हैं। इसके बावजूद पशुपालन विभाग गम्भीर नहीं है। 
- जमनलाल गुर्र्जर, पशुपालक नयागांव

इस साल अभी तक लंपी वायरस का एक भी मामला सामने नहीं आया है। ढाबादेह व जुल्मी में गौंवशों के इस बीमारी से ग्रसित होने की सूचना मिली थी। टीम ने मौके पर जाकर जांच की तो वो सामान्य बीमारी से पीड़ित मिले।  जिले में 1 लाख 97 हजार गौवंशों का टीकाकरण किया जा चुका है।
- चंपालाल मीणा, संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग कोटा

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