डेंगू के कहर के बीच डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ का टोटा

हर रोज डेंगू के आ रहे 25 मरीज

डेंगू के कहर के बीच डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ का टोटा

हिंडोली अस्पताल में 10 डॉक्टर और 15 नर्सिंग स्टाफ की कमी है।

हिंडोली। हिंडोली में मौसमी बिमारियों का प्रकोप है। ऐसे में डेंगू लगातार पैर पसार रहा है। हैरत की बात है कि ऐसी हालत में अस्पताल में डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ की कमी है। जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। स्टाफ की कमी के चलते डेंगू के मरीजों को बूंदी अस्पताल रेफर किया जा रहा है। स्टाफ की समस्या के चलते बुधवार को भी तीन डेंगू के मरीजों को बूंदी कर दिया गया। हिंडोली अस्पताल में 10 डॉक्टर और 15 नर्सिंग स्टाफ की कमी है।

रोज पांच सौ से अधिक की ओपीडी
एक महीना से अधिक का समय हो गया है कि रोज पांच सौ से अधिक रोगी हिंडोली अस्पताल में पहुंच रहे है। जिसमें से 20 से 25 रोगी डेंगू के आ रहे है। जिसमे अधिकतर की मरीज की प्लेटरेट कम होती जा रही है। ऐसे में हिंडोली अस्पताल में डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ की कमी होने से डेंगू रोगियों को बूंदी रेफर करने के आलावा कोई चारा नहीं है क्यों कि इतना स्टाफ हीं नहीं है। बरसात की कमी के साइड इफेक्ट आने शुरू हो गए। इस समय मौसमी बीमारियों का अंतिम समय रहता था लेकिन अब मौसमी बीमारियों ने गति पकड़ ली है। डेंगू के मरीज लगातार बढ़ रहे है। इस का कारण बरसात पर्याप्त नहीं होने से डेंगू मच्छर का लार्वा बिखरा पड़ा है।

50 बेड का अस्पताल लेकिन स्टाफ 30 बेड का
हिंडोली अस्पताल में 30 बेड का ही स्टाफ है। पांच कंपाउंडर हैं। एक नर्स ग्रेड फर्स्ट एक दो संविदा पर है। स्टाफ की कमी है। गौरतलब है कि हिंडोली अस्पताल को 30 के बजाय 50 बेड का कर दिया गया है। लेकिन अब तक स्टाफ नहीं बढाया गया। राज्य सरकार ने हिंडोली सामुदायिक चिकित्सालय को 30 बेड  से बढ़ाकर 50 बेड का करने के आदेश जारी किए थे। खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना ने 13 जुलाई को इसका उद्घाटन भी कर दिया था  लेकिन अस्पताल में व्यवस्था तो पूरी है परंतु स्टाफ की कमी है। स्टाफ की कमी के चलते 30 बेड का अस्पताल ही चल रहा है। मौसमी बीमारी के चलते मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होने के कारण चिकित्सकों के पास मरीजों को बूंदी रेफर करने के अलावा कोई चारा बचता नही है। 

10 डॉक्टर और 15 नर्सिंग कर्मचारी की आवश्यकता
वर्तमान समय में हिंडोली चिकित्सालय में दो महिला चिकित्सक, चार पुरुष चिकित्सक, एक दंत रोग चिकित्सा है जबकि सर्जन व फिजिशियन के पद रिक्त है। जबकि वर्तमान समय में केवल पांच नर्सिंग कर्मचारी है जिसमें दो तो संविदा के कर्मचारी है। 50 बेड का चिकित्सालय होने पर भी कम से कम 10 चिकित्सा और 15 नर्सिंग कर्मचारी की आवश्यकता है। मनोहर सुवलका ने बताया कि सिंघाड़ी गांव निवासी कमलेश वर्मा अपनी पुत्री मीना वर्मा पुत्रवधू को लेकर हिंडोली चिकित्सालय आया था। उसकी पुत्री डेंगू रोग से ग्रस्त मिली और उसकी प्लेट रेट कम होती जा रही थी। हिंडोली चिकित्सकों ने उसे बूंदी रेफर कर दिया जबकि हिंडोली चिकित्सालय 50 बेड का राज्य सरकार द्वारा कर दिया गया है लेकिन स्टाफ अभी भी 30 बेड के अस्पताल का ही चल रहा है। भाजपा मंडल अध्यक्ष रामेश्वर सैनी राज्य सरकार हिंडोली चिकित्सालय को क्रमोन्नति करके ही भूल गई ऐसा प्रतीत होता है राज्य सरकार जल्दी से जल्दी नर्सिंग स्टाफ और चिकित्सक लगे 

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हिंडोली कस्बे के मुकेश कुमार सेठिया का कहना है कि  चिकित्सालय में अच्छे इलाज की दरकार है।  हिंडोली चिकित्सालय सरकार ने बड़ा तो बना दिया तो बड़ा बनना भी चाहिए जनसंख्या हिंडोली कस्बे की है और विधानसभा मुख्यालय भी है। चिकित्सालय में नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टरों की कमी है ेसरकार को चाहिए कि शीघ्रता से शीघ्र स्टाफ की पूर्ति करें। 

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सिंघाडी गांव के मुकेश कुमार वर्मा ने बताया कि मैं मेरी पुत्री एवं पुत्र वधू को लेकर हिंडोली को लेकर चिकित्सालय में इलाज के लिए लेकर आया था। मैंने चिकित्सक को दिखाया उन्होंने मेरी जांच लिखी मैंने जांच करने के बाद पता चला कि मेरी पुत्री के डेंगू रोग है और प्लेट रेट्स कम हो रही है। इस पर  तुरंत बूंदी के लिए रेफर कर दिया। 

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हमारे पास अभी 30 बेड के हिसाब से भी स्टाफ पूरा नहीं है। राज्य सरकार ने हिंडोली चिकित्सालय को क्रमोन्नत कर 50 बेड का कर दिया लेकिन 50 बेड का स्टाफ आने पर ही 50 बेड का चिकित्सालय चलाया जाएगा क्योंकि तीन शिफ्ट में चिकित्सालय चलता है। नर्सिंग स्टाफ इतना ही है कि समय पर इंजेक्शन बोतल लगाना, रोगियों की समय पर देखभाल कर सके।
- सुरेंद्र मीणा, चिकित्सा प्रभारी हिंडोली चिकित्सालय

मौसमी बीमारी का प्रकोप इस साल लंबा चलता दिखाई दे रहा है। बरसात की कमी का असर दिखने लगा है। इस समय रात को थोड़ी ठंड पड़ने से मौसमी बीमारी में कमी आई थी लेकिन हमारे साथ विडंबना यह है कि चिकित्सालय 50 बेड में क्रमोन्नत  हो गया लेकिन स्टाफ के पद अभी स्वीकृत नहीं हुए है। कार्यवाही जारी है। पर्याप्त स्टाफ मिलते ही 50 बेड का चिकित्सालय चला दिया जाएगा।
- डॉ राकेश मंडोवर, ब्लॉक सीएमओ  हिंडोली

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