World Spine Day: गलत स्थिति में लंबे समय बैठने से बढ़ी रीढ़ में दर्द की समस्या
बिगड़ती लाइफ स्टाइल के कारण गर्दन से लेकर कमर तक के हिस्सों में दर्द और तंत्रिकाओं की कई तरह की समस्याओं के बढ़ने का खतरा
न्यूरो एंड स्पाइन सर्जन डॉ. योगेश गुप्ता ने बताया कि बिगड़ती लाइफस्टाइल के कारण रीढ़ को काफी नुकसान पहुंच रहा है। इस वजह से गर्दन से लेकर कमर तक के हिस्सों में दर्द और तंत्रिकाओं की कई तरह की समस्याओं के बढ़ने का खतरा हो सकता है।
नवज्योति, जयपुर। रीढ़ की हड्डी संबंधी विकार विकलांगता के मुख्य कारणों में से एक है। कोरोना काल में वर्क फ्रॉम होम का कल्चर ऐसा बढ़ा कि आज तक ये सिलसिला जारी है। इसकी वजह से स्पाइन को अच्छा खासा नुकसान पहुंच रहा है। नौ घंटे लगातार एक ही सिटिंग पोजीशन में काम करने से गर्दन या कमर में दर्द की शिकायत बनी रहती है। रीढ़ की बढ़ती दिक्कतों के जोखिम और इससे बचाव के उपायों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 16 अक्टूबर को वर्ल्ड स्पाइन डे मनाया जाता है।
इस मौके पर सीनियर न्यूरो एंड स्पाइन सर्जन डॉ. योगेश गुप्ता ने बताया कि बिगड़ती लाइफस्टाइल के कारण रीढ़ को काफी नुकसान पहुंच रहा है। इस वजह से गर्दन से लेकर कमर तक के हिस्सों में दर्द और तंत्रिकाओं की कई तरह की समस्याओं के बढ़ने का खतरा हो सकता है। ग्लोबल बर्डन आॅफ डिजीज के अनुसार पीठ के निचले हिस्से में दर्द दुनियाभर में तेजी से बढ़ती समस्या है। इसके लिए रीढ़ की समस्याओं को प्रमुख कारण माना जा रहा है। इसके समाधान के लिए लोगों को जागरूक करना जरूरी है।
लंबे समय तक बैठे रहने से बचें
लगातार बैठे रहने के कारण न्यूट्रल स्पाइनल अलाइनमेंट बनाए रखना कठिन हो जाता है, जिसके कारण यह रीढ़ की हड्डी के तनाव को बढ़ा सकता है। डॉ. योगेश गुप्ता ने बताया कि इस तरह की समस्याओं से बचे रहने के लिए ज्यादा समय तक सीधा खड़े रहने की अधिक कोशिश करें। अगर आपकी डेस्क जॉब है तो थोड़ी-थोड़ी देर के बाद उठकर आसपास वॉक कर लें। शरीर की समय-समय पर स्ट्रेचिंग करते रहने से भी रीढ़ की समस्याओं से बचे रहने में मदद मिल सकती है।
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