विधायक कंवरलाल मीणा बोले- आरोप सरासर गलत, ललित को लेने 30-35 अपरिचित आए तो रोका, पिता आए तो जाने दिया
सांसद दुष्यंत पर आरोप लगाना षड़यंत्र, वे तो लोकसभा में थे, जांच करा लें, सब अपनी मर्जी से आए और सहमति से एक साथ रुके
जयपुर। विधायक कंवरलाल ने कहा कि हम सब यहां खुद आपसी सहमति से रुके थे। किसी ने नहीं रुकवाया। उस दिन 5 दिसम्बर की रात को करीब 2.30 बजे 30-35 अपरिचित लोग आकर विधायक ललित को ले जाने लगे तो परिचित नहीं होने की वजह से हमने उनके साथ ललित को नहीं भेजा। बाद में उनके पिता और पूर्व विधायक हेमराज मीणा लेने आए तो ललित को उनके साथ सहर्ष भेज दिया। सांसद दुष्यंत तो उस दिन दिल्ली लोकसभा में थे। उनकी लोकसभा में उपस्थिति देखी जा सकती है। वे तब से ही दिल्ली में है। मोबाइल पर उनकी लोकेशन भी देखी जा सकती है। इस अवधि में मेरी सांसद से कोई बात ही नहीं हुई। विधायकों को इतनी रात आकर उन्हें ले जाना और सांसद पर आरोप लगाना एक षड़यंत्र है। कहा कि हम सब झालावाड़-बारां लोकसभा क्षेत्र के विधायक हैं जो जीतने के बाद ललित मीणा सहित बारां के आरएसएस कार्यालय और भाजपा कार्यालय गए। सुबह छह बजे अपने-अपने घरों से हम सब अपनी-अपनी गाड़ियों में जयपुर आए। अपनी आपसी सहमति से एक साथ यहां रुके। बाड़ाबंदी जैसी कोई बात कहना शरारतपूर्ण है। क्या किसी विधायक को उसकी मर्जी के बिना जबरन ले जाया जा सकता है? यह असंभव है। झालावाड़-बारा दुष्यंत सिंह का अपना खुद का लोकसभा क्षेत्र है। अपने लोकसभा क्षेत्र के विधायकों की कौन बाड़ाबंदी करेगा।
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