पहला सुख निरोगी काया, शरीर स्वस्थ तो कोई काम असंभव नहीं: राज्यपाल
राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय का सप्तम दीक्षांत समारोह आयोजित
डिग्रियां पाकर स्टूडेंट्स के चेहरे खिले
जयपुर। राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के इस सातवें दीक्षान्त समारोह के शुभ अवसर पर छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि मैं आप सबको बधाई देते हुए इस अवसर पर उपाधि एवं पदक प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं। उन्होंने कहा-भारतीय संस्कृति में पहला सुख निरोगी काया माना गया।,हमारे यहां कहा गया है कि स्वस्थ शरीर यदि है तो फिर जीवन में अन्य सभी कार्य संभव किए जा सकते हैं ।
राज्यपाल ने कहा कीअश्विनीकुमारों से चिकित्सा का विषद् ज्ञान इन्द्र को मिला और इन्द्र द्वारा बाद में भारद्वाज ऋषि को और इसके बार फिर आगे भी इसी तरह यह ज्ञान की परम्परा हमारे यहां चलती आयी है। पिछले दो वर्ष कोविड-19 महामारी के फैलाव और दुष्परिणामों के रहे,मुझे ज्ञात है, इस विकट दौर में आर. यू.एच.एस. अस्पताल एवं एस. एम. एस. अस्पताल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मैं युवा चिकित्सकों से कहना चाहता हूं कि वे गांव और सुदूर क्षेत्रों में जाकर वहां प्रचलित रोगों का अध्ययन करें और वहाँ चिकिसकीय सेवाओं को मजबूत करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। इससे पहले राज्यपाल ने मेडिकल स्टूडेंट्स को डिग्रियां वितरित की।
दीक्षांत समारोह में चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा, प्रमुख सचिव वैभव गालरिया, वाईस चांसलर डॉ सुधीर भंडारी सहित कई चिकिसक उपस्थित रहे। कार्यक्रम में एम्स नई दिल्ली के निदेशक पद्मश्री डॉ रणदीप गुलेरिया को डॉक्टर ऑफ़ साइंस की उपाधि से नवाजा गया।
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