Private Schools की 3 साल की फीस तय करेगी कमेटी
मनमानी पर राज्य सरकार शिक्षा विभाग सख्त, होगी कड़ी कार्रवाई, ज्यादा फीस वसूली तो वापस देनी होगी
राज्य के सभी स्कूलों को फीस का ब्यौरा अब प्राइवेट स्कूल पोर्टल (पीएसपी) पर देना होगा।
जयपुर। प्रदेश के निजी स्कूलों की मनमानी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। जिस पर लगाने के लिए के राज्य सरकार और शिक्षा विभाग अब सख्त हो गया है तथा कार्रवाई भी शुरू कर दी है। राज्य के सभी स्कूलों को फीस का ब्यौरा अब प्राइवेट स्कूल पोर्टल (पीएसपी) पर देना होगा। इतना ही नहीं इस फीस का अनुमोदन करवाने के बाद तीन साल तक कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। स्कूल में पढ़ाई जा रही बुक्स की डिटेल भी सार्वजनिक करनी होगी। माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं।
मानसिक प्रताड़ना ना हो
स्कूल प्रबंधन को स्टूडेंट्स पर प्रताड़ना का अंकुश है। कोई स्कूल स्टूडेंट्स को किसी भी मामले में मानसिक रूप से प्रताड़ित नहीं कर सकता। ऐसा करने वाले स्कूल्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पाठ्य पुस्तकों की सूची करें सार्वजनिक
निदेशक ने प्राइवेट स्कूलों को आदेश दिया है कि सभी स्कूल को हर हाल में अपनी बुक्स की लिस्ट सार्वजनिक करनी होगी। लिस्ट में लेखक, प्रकाशक के नाम और मूल्य के साथ अपने नोटिस बोर्ड पर प्रकाशित करनी होगी। वेबसाइट पर सत्र प्रारम्भ होने के कम में कम से कम एक महीने पहले लिस्ट चस्पा करनी होगी। स्टूडेंट्स व गार्जन अपनी सुविधानुसार खुले बाजार से बुक्स खरीद सकेंगे।
ऐसे होगा फीस का निर्धारण
निदेशालय से जारी आदेश में कहा गया है कि स्कूल स्तर पर पेरेंट्स टीचर की एक कमेटी का गठन करना होगा। ये कमेटी फीस का निर्धारण करेगी। इस फीस कमेटी के सभी सदस्यों का नाम, पता, मोबाइल नंबर प्राइवेट स्कूल पोर्टल पर अपडेट करनी होगी। इस कमेटी से अप्रुव फीस से ज्यादा फीस लेना अवैध होगा। ऐसे स्कूल पर फीस एक्ट के तहत कार्रवाई हो सकती है। गार्जन को बढ़ी हुई फीस लौटानी पड़ सकती है, जो फीस तय होगी, वो तीन साल तक रहेगी।
शिक्षामंत्री, मदन दिलावर ने कहा कि छात्रों का हित, हमारे लिए सर्वोपरि है। इसी को सुनिश्चित करने हेतु शिक्षा विभाग द्वारा गैर सरकारी विद्यालयों के लिए जारी दिशा निर्देश की पालना न होने पर उन विद्यालयों के खिलाफ उच्चतम करवाई की जाएगी। छात्रों के हितों की रक्षा करते हुए शिक्षा विभाग द्वारा निजी विद्यालयों में राजस्थान विद्यालय (फीस का विनियमन) अधिनियम 2016 एवं 2017 की पालना तथा पुस्तकों, यूनिफॉर्म आदि हेतु दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। राजस्थान के प्रत्येक बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में हमारी सरकार संकल्पबद्ध है।
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