गंदगी और संड़ाध मारता पानी, गायब लोहे की रैलिंग बिगाड़ रही सूरत
किशोर सागर तालाब हो रहा अनदेखी का शिकार ,लोहा चोरी में बसों की आड़ का फायदा उठा रहे स्मैकची
एक तरफ तो किशोर सागर तालाब को पर्यटन की दृष्टि से आकर्षक बनाने का दावा किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ इसकी लगातार दुर्दशा हो रहीे है। इसका अंदाजा तालाब और उससे सटी नहर में लगे गंदगी के ढेरों का दुर्गंध मारना और तालाब की पाल पर लगी लोहे की रैलिंग के गायब होने से लगाया जा सकता है।
कोटा । एक तरफ तो किशोर सागर तालाब को पर्यटन की दृष्टि से आकर्षक बनाने का दावा किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ इसकी लगातार दुर्दशा हो रहीे है। इसका अंदाजा तालाब और उससे सटी नहर में लगे गंदगी के ढेरों का दुर्गंध मारना और तालाब की पाल पर लगी लोहे की रैलिंग के गायब होने से लगाया जा सकता है। शहर के बीचों बीच स्थित किशोर सागर तालाब का नगर विकास न्यास द्वारा सौन्दर्यीकरण व रखरखाव किया जा रहा है। तालाब में किसी तरह की गंदगी व कचरा नहीं डल,े इसके लिए उसके चारों तरफ लोहे की ऊंची व डिवाइनर रैलिंग लगाई गई है। लेकिन हालत यह है कि न्यू क्लॉथ मार्केट के सामने से गीता भवन के बीच तालाब की पाल से लोहे की रैलिंग धीरे-धीरे गायब होती जा रही है। मेन रोड होने व 24 घंटे रोड पर ट्रैफिक चलने के बावजूद वहां से लोहे की रैलिंग गायब हो रही है और किसी भी जिम्मेदार अधिकारी को उसकी भनक तक नहींं है। इतना ही नहीं रैलिंग तीन जगह से तो गायब हुई ही है साथ ही बीच-बीच में से रैलिंग की डिजाइन के लिए लगे लोहे के सरिए भी गायब हो रहे हैं। जिससे उस रैलिंग की डिजाइन ही बदरंग हो गई है।
जानकारों के अनुसार तालाब के किनारे निजी बसें व अन्य वाहन खड़े रहते हैं। ऐसे में रात के समय अंधेरी व आड़ का फायदा उठाकर स्मैकची धीरे-धीरे रैलिंग के हिस्से काटकर ले जा रहे हैं। जिससे किसी को उसका पता भी नहीं चल पा रहा है। हालत यह है कि तालाब की पाल पर पूर्व में भी लोहे की रैलिंग लगी हुई थी। जिसे भी स्मैकचियों ने थोड़ा-थोड़ा करके पूरा बेच दिया था। अधिकारियों को भी उसका बहुत देर से पता लगा जब पूरा तालाब की गंजा हो गया था। यहां भी अभी तीन जगह से रैलिंग गायब हुई है, लेकिन यदि इस पर ध्यान नहीं दिया तो आने वाले कुछ दिन में यह संख्या अधिक भी हो सकती है।
नहर के किनारे खड़ा होना दूभर
ज्वाला तोप के सामने से सेवन वंडर्स की तरफ जाने वाले मार्ग पर किशोर सागर तालाब के हिस्से से गुजर रही नहर के किनारे पर दुर्गंध के कारण खड़ा होना दूभर हो रहा है। लोगों ने बताया कि तालाब व नहर के किनारे पर बड़ी मात्रा में कचरे का ढेर लगा हुआ है। जिसमें हर तरह का कचरा है। उस कचरे की काफी समय से सफाई नहीं की गई है। जिससे वह दुर्गंध मारने लगा है। नहर के पास से सेवन वंडर्स का रास्ता शुरू हो रहा है। ऐसे में वहां खड़े होना व वहां से गुजरने पर इतनी अधिक दुर्गंध आ रही है कि लोगों को नाक पर रूमाल रखकर निकलना पड़ रहा है। तालाब के बीच में जग मंदिर के पास तक कचरा जमा है।
लकड़ी की नावों का ढेर
तालाब व नहर के किनारे पर लकड़ी की आधा दर्जन से अधिक नावों का ढेर लगा हुआ है। जानकारों का कहना है कि इन नावों का उपयोग तालाब व नहर में अवैध रूप से मछलीे पकड़ने में किया जा रहा है। लेकिन इस पर किसी का भी ध्यान नहीं है।
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