Budget: झालाना लेपर्ड रिजर्व और जवाई भी ईको टूरिज्म सर्किट का भाग बनेंगे
प्रदेश के संरक्षित वन क्षेत्रों में प्रथम चरण में सरिस्का स्थित पांडुपोल और रणथम्भौर में त्रिनेत्रा गणेश जी के लिए ईवी बेस्ड ट्रांसपोर्ट सिस्टम शुरू किया जाएगा।
जयपुर। राजस्थान रणथम्भौर, सरिस्का एवं घना जैसे प्रमुख वाइल्ड सेंचुरीज/रिजर्वस के लिए प्रसिद्ध हैं। किन्तु अब झालाना लेपर्ड रिजर्व, पाली स्थित जवाई को भी ईको-टूरिज्म सर्किट का भाग बनाने से पर्यटकों को विभिन्न फ्लोरा-फौना से रूबरू होने का अवसर मिलने के साथ ही दूरदराज के क्षेत्रों का विकास भी सम्भव होगा। वहीं सांभर झील, खींचन कंजर्वेशन रिजर्व, शेरगढ़ अभयारण्य, मनसा माता कंजर्वेशन रिजर्व बस्सी अभयारण्य को ईको टूरिज्म साइट्स के रूप में विकसित किया जाएगा। जोगी महल-सवाई माधोपुर, आमेर-जयगढ़-नाहरगढ़ किला -जयपुर, बिजासन माता (इंदरगढ़)-बूंदी, समई माता-बांसवाड़ा तथा छतरंग मोरी-चित्तौड़गढ़ में रोपवे सुविधा उपलब्ध कराने के लिए डीपीआर बनाकर कार्य करवाए जाएंगे।
प्रदेश के संरक्षित वन क्षेत्रों में स्थित धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं और वन्यजीवों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रथम चरण में सरिस्का स्थित पांडुपोल और रणथम्भौर में त्रिनेत्रा गणेश जी के लिए ईवी बेस्ड ट्रांसपोर्ट सिस्टम शुरू किया जाएगा।
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