कश्मीर के डोडा में शहीद हुए झुंझुनूं के दोनों शहीदों के शव पहुंचे जयपुर, एयरपोर्ट पर दी श्रदांजलि
सेना के विशेष से लाए गए पार्थिव शव
दोनों के पार्थिव शव सेना के विशेष विमान से जयपुर एयरपोर्ट लाए गए है। जहां पर श्रदांजलि दी जाएगी।
जयपुर। जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना के सेना के कैप्टन सहित चार जवान और एक पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। शहीद हुए जवानों में राजस्थान के झुंझुनूं के बुहाना तहसील के भैसावता कलां के सिपाही अजय सिंह (26) पुत्र कमल सिंह नरूका और डूमोली कलां की ढाणी खुबा के रहने वाले बिजेंद्र सिंह दौराता पुत्र रामजीलाल हैं। दोनों के पार्थिव शव सेना के विशेष विमान से जयपुर एयरपोर्ट लाए गए। जहां पर दोनों शहीदों को श्रदांजलि दी गई।
एयरपोर्ट पर कई नेता रहे मौजूद
जयपुर एयरपोर्ट पर शहीदों को श्रदांजिल देने के लिए कई नेता पहुंचे। एयरपोर्ट पर पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर, मंत्री अविनाश गहलोत, भाजपा नेता श्रवण सिंह बगड़ी, उदयपुरवाटी विधायक भगवानाराम सैनी समेत कई नेता मौजूद रहे।
पैतृक गांव पहुंचेगी अजय की पार्थिव देह
शहीद अजय की पार्थिव देह एयरपोर्ट से सिंघाना से भैसावता कलां पहुंचेगी, वहां से उनके सम्मान में यात्रा निकाली जाएगी। अजय की शादी 21 नवंबर 2021 को शालू कंवर के साथ हुई, मां सुलोचना देवी गृहिणी हैं, छोटा भाई करणवीर सिंह बठिंडा पंजाब एम्स में चिकित्सक हैं। चाचा कायम सिंह भी भारतीय सेना की 23 राजपूत रेजिमेंट में सिक्किम में तैनात हैं। अजय के पिता कमल सिंह नरूका भी सेना में हवलदार रह चुके हैं। कमल सिंह 2015 में रिटायर हुए। शहीद का मूल गांव खेतड़ी के समीप भैसावता कलां है लेकिन परिवार 2007 से पिलानी के हरिनगर में रहता है। मंगलवार प्रात: साढ़े सात बजे पत्नी शालू कंवर के पास सेना के अधिकारियों का फोन आया। इस दौरान वह अपने पीहर में थी। शहादत की खबर सुनते ही वह बेसुध हो गईं।
बिजेन्द्र 2018 में सेना में भर्ती हुए
बिजेंद्र 2018 में आर्मी में भर्ती हुए थे। 8 नवंबर 2019 में उनकी शादी नयाबास मानोता कलां खेतड़ी निवासी अंकिता से हुई थी। उनके दो बेटे हैं जिनमें विहान चार साल का और किहान एक साल का है। परिवार में तीन बहनें भरपो देवी, शर्मिला व कविता है जिनकी शादी हो चुकी हैं। पिता रामजीलाल गांव में खेती करते हैं। मां धोली देवी गृहिणी है।
बिजेन्द्र की पांच दिन पहले छुट्टी हो गई थी कैंसिल
शहीद बिजेन्द्र सिंह फरवरी में एक महीने की छुट्टी पर घर आए थे। लेकिन आतंकी घटनाओं के चलते छुट्टी कैंसिल हो गई थी। बिजेंद्र की शहादत के बारे में अभी तक परिवार को नहीं बताया गया है। छोटे भाई दशरथ सिंह को इसकी जानकारी है। सेना के अधिकारियों का कॉल दशरथ सिंह के पास आया था। दशरथ सिंह खुद भी सेना में हैं। वे मंगलवार को अपने गांव डूमोली कलां की ढाणी खुबा पहुंचे। वे अपने साथियों के साथ अभी गांव के पंचायत भवन में ही रुके हैं।
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