बांग्लादेश में फिर से हिंसा शुरू, 91 लोगों की मौत
स्मोक ग्रेनेड का इस्तेमाल किया गया
पुलिस की तरफ से भीड़ को हटाने के लिए आंसू गैस और स्मोक ग्रेनेड का इस्तेमाल किया गया। हिंसा को काबू करने के लिए सरकार ने इंटरनेट बंद कर दिया है।
ढाका। बांग्लादेश में एक बार फिर से हिंसा का दौर शुरू हो गया है। इस बार हजारों प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर सड़क पर उतर आए हैं। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच कई जगहों पर हिंसक झड़प हुई। रिपोर्ट के मुताबिक देर रात तक 91 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में 16 पुलिस वाले भी शामिल हैं। वहीं अब तक गोली लगने से घायल हुए 40 से अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सरकार ने हिंसा पर काबू करने के लिए देशभर में कर्फ्यू लगा दिया है। अगले 3 दिनों के लिए छुट्टी की घोषणा कर दी गई है। इसके अलावा राजधानी ढाका में दुकानों और बैंकों को बंद करने के आदेश भी दिए गए हैं। पुलिस की तरफ से भीड़ को हटाने के लिए आंसू गैस और स्मोक ग्रेनेड का इस्तेमाल किया गया। हिंसा को काबू करने के लिए सरकार ने इंटरनेट बंद कर दिया है।
काम पर जा रहे 2 मजदूरों की गोली लगने से मौत
बांग्लादेश के मुंसीगंज में पुलिसए सत्ताधारी और विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच हुई तीन तरफा झड़प में 2 मजदूरों की मौत हो गई। मुंसीगंज जिला अस्पताल के मुताबिक मजदूरों की मौत गोली लगने से हुई। घटना पर पुलिस ने सफाई देते हुए कहा कि हमारी तरफ से कोई गोली नहीं चलाई गई। इस झड़प में 30 लोग घायल भी हुए है।
पाबना में झड़प
सत्ताधारी अवामी लीग के कार्यकर्ताओं और प्रदर्शनकारियों के बीच पूर्वोत्तर जिले पाबना में झड़प हुई। इस झड़प में भी 3 लोगों की मौत हुई है वहीं, 50 से अधिक लोग घायल हुए हैं। प्रदर्शनकारियों ने राजधानी ढाका में बंगबंधु शेख मुजीब मेडिकल कॉलेज पर हमला कर दिया। हमले के दौरान प्रदर्शनकारियों ने अस्पताल के अंदर तोड़फोड़ की।
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