विपक्षी नेताओं की साख खराब करने के लिए ईडी का दुरुपयोग कर रही केंद्र, ईमानदारी के सामने झुकना ही पड़ा : गहलोत
सुप्रीम कोर्ट का प्राथमिक काम जमानत देना नहीं है
यह दिखाता है कि कैसे केन्द्र की एनडीए सरकार ने ईडी का दुरुपयोग केवल विपक्षी नेताओं को जेल में डालकर राजनीतिक प्रक्रिया को बाधित करने एवं विपक्षी नेताओं की साख खराब करने के लिए किया है।
जयपुर। ईडी के सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे से पूछताछ करने के मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है। गहलोत ने कहा कि ईडी ने हमारी नेता सोनिया गांधी, कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से लम्बी पूछताछ कर उनकी छवि खराब करने का प्रयास किया, लेकिन ईमानदारी एवं सत्य के सामने ईडी को झुकना ही पड़ा। हेमंत सोरेन, संजय राउत सहित तमाम ऐसे विपक्षी राजनीतिक दलों के नेता हैं, जिन्हें अदालत ने जमानत देते हुए ईडी को फटकार लगाई। कुछ नेताओं की तो गिरफ्तारी को अवैध बताया गया, तो कुछ को जेल में रखने की मंशा को गलत माना गया और ईडी को निष्पक्षता से काम करने की हिदायत भी दी। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन नेताओं को केवल जमानत के लिए भी सुप्रीम कोर्ट तक जाना पड़ा, जबकि सुप्रीम कोर्ट का प्राथमिक काम जमानत देना नहीं है।
यह दिखाता है कि कैसे केन्द्र की एनडीए सरकार ने ईडी का दुरुपयोग केवल विपक्षी नेताओं को जेल में डालकर राजनीतिक प्रक्रिया को बाधित करने एवं विपक्षी नेताओं की साख खराब करने के लिए किया है। ईडी के अधिकारियों को सोचना चाहिए कि उनकी जवाबदेही भारत के संविधान और उनकी सैलरी के लिए टैक्स देने वाली जनता के प्रति है या केवल भाजपा के नेताओं के प्रति है। देश में सरकारें तो आती-जाती रहेंगी, लेकिन इन एजेंसियों को अपनी छवि का ख्याल रखना चाहिए।
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