जेईई एडवांस्ड : पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों के सवालों के रिपीट होने की संभावनाएं ना के बराबर

पेपर की मार्किंग स्कीम पहले से निर्धारित करके सूचित किया जाता है

जेईई एडवांस्ड : पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों के सवालों के रिपीट होने की संभावनाएं ना के बराबर

ये कभी भी पहले से नहीं बताया जाता। ना ही पेपर की मार्किंग स्कीम पहले से निर्धारित करके सूचित किया जाता है। 

जयपुर। देश की सबसे प्रतिष्ठित एवं कठिनतम इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई एडवांस्ड के आयोजन की घोषणा अक्टूबर माह में होगी। इससे पूर्व सितम्बर माह के दूसरे या तीसरे सप्ताह में जेईई-मेन का कैलेंडर जारी किया जा सकता है। जेईई-मेन परीक्षा का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा करवाएगी, जबकि जेईई एडवांस्ड परीक्षा में कितने नंबर के कितने क्वेश्चन पूछे जाते हैं, ये कभी भी पहले से नहीं बताया जाता। ना ही पेपर की मार्किंग स्कीम पहले से निर्धारित करके सूचित किया जाता है। 

स्टूडेंट्स को एडवांस्ड परीक्षा में एग्जाम हॉल में पेपर से आधा घंटा पहले दिए गए इंस्ट्रक्शंस में ही नंबर ऑफ क्वेश्चन एवं मार्किंग स्कीम के बारे में लिखा हुआ मिलता है, इसमें प्रश्न मैचिंग लिस्ट टाइप, इंटीजर टाइप, सिंगल करेक्ट, मल्टीपल करेक्ट काम्प्रिहेंशन पैरेग्राफ बेस्ड जैसे अलग-अलग पैटर्न पर सवाल पूछकर स्टूडेंट्स की तीक्षणता को परखा जा रहा है। 

एक दिन में दो पारियों में परीक्षा 
एजुकेशन एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि इस परीक्षा में पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों के सवालों के रिपीट होने की संभावनाएं ना के बराबर होगी। साथ ही एक दिन में 3-3 घंटे की दो पारियों में यह परीक्षा ली जाएगी। गत 4 वर्षां से जेईई एडवांस्ड में पेपर-1 एवं पेपर-2 दोनों 180 मार्क्स एवं पूरा पेपर 360 मार्क्स का हुआ था, जिनमें फिजिक्स, केमिस्ट्री एवं मैथ्स का पेपर 120 मार्क्स का हुआ।

 

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