बयानबाजी को लेकर रेजीडेंट्स ने लिया यू-टर्न, मांगी माफी
रेजीडेंट्स के काम पर लौटने से मरीजों ने ली राहत की सांस
फेकल्टी मेंबर्स के खिलाफ बयानबाजी का वीडियो वायरल होने के बाद जार्ड ने मारी पलटी
जयपुर। हाईकोर्ट के दखल के बाद हड़ताल पर लौटे रेजीडेंट डॉक्टर्स ने गुरुवार को फिर से अस्पतालों में रोज की तरह काम संभाल लिया और ऐसे में मरीजों ने राहत की सांस ली है। हालांकि एसएमएस सहित अन्य अस्पतालों में पिछले दो सप्ताह से ज्यादा समय से चल रही हड़ताल के कारण हजारों ऑपरेशन टाले गए थे, जिसके चलते अब वैटिंग बढ़ गई है और हालात सामान्य होने में एक से दो सप्ताह का समय लग सकता है।
वहीं इस बीच रेजीडेंट डॉक्टर की हड़ताल के दौरान सीनियर फैकल्टी मेम्बर्स पर लाखों रुपए का वेतन उठाकर तीन घंटे भी काम नहीं करने के बयान पर अब जार्ड के प्रतिनिधियों ने यू-टर्न ले लिया है। रेजीडेंट्स ने अपनी गलती मानते हुए कहा कि आंदोलन के उत्साह में उन्होंने कुछ अनुचित बातें कही थीं। जो सही नहीं थीं। वहीं फैकल्टी मेंबर्स ने भी नाराजगी जताई है।
दरअसल, रेजीडेंट्स डॉक्टर्स के प्रतिनिधियों का एक वीडियो सामने आया था। इसमें वे खुले मंच से कुछ फैकल्टी मेम्बर्स के खिलाफ बयानबाजी करते नजर आए। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ सीनियर डॉक्टर जो 3-4 लाख रुपए की सैलरी लेते हैं। वे तीन घंटे भी हॉस्पिटल नहीं आते हैं और घर पर मरीज देखते हैं। रेजीडेंट्स का कहना था कि ये डॉक्टर अस्पताल में कम समय बिताते हैं। अपनी जिम्मेदारियों को रेजीडेंट्स पर डालते हैं।
प्राचार्य डॉ. माहेश्वरी की तबीयत में सुधार
एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी की सेहत में अब सुधार है। उन्हें बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सीने में दर्द हुआ था और फिर उन्हें एसएमएस अस्पताल लाया गया, जहां उन्हें एक स्टेंट लगाया गया है। चिकित्सकों के अनुसार डॉ. माहेश्वरी की सेहत में अब काफी सुधार है और शुक्रवार तक उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। वहीं डॉ. माहेश्वरी को
चिकित्सकों ने आराम की सलाह दी है और जब तक वे अवकाश पर रहेंगे तब तक एसएमएस मेडिकल कॉलेज के अतिरिक्त प्राचार्य डॉ. आरके जैन को कॉलेज प्राचार्य का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
जार्ड पदाधिकारियों ने दी सफाई
वीडियो वायरल होने के बाद जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स के पदाधिकारियों ने एक बयान जारी कर कहा कि ये वीडियो यूनियन की सोच का प्रतिनिधित्व नहीं करता। जार्ड के पदाधिकारियों ने बयान में कहा कि हम सभी रेजिडेंट्स अपने फैकल्टी सदस्यों का आदर करते हैं। उनके मार्गदर्शन और सलाह हमारे जीवन में विशेष महत्व रखते हैं। रेजीडेंट्स ने यह भी स्पष्ट किया कि आंदोलन के दौरान उनका उद्देश्य अपने मेडिकल शिक्षकों का अपमान करना नहीं था। वीडियो में व्यक्त की गई भावनाएं व्यक्तिगत हैं और इसका समर्थन यूनियन नहीं करती। इसके अलावा कॉलेज के सभी रेजीडेंट्स ने इस तरह के वीडियो के लिए माफी मांगी है।
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