गुलाबी नगरी जयपुर की दिवाली के दीवाने हैं पावणे
बाजारों की सजावट देश और दुनिया में मशहूर है
भारतीय फैमिली के साथ पूजा में लेते हैं हिस्सा, देश-दुनिया में मशहूर है पिंकसिटी के बाजारों की सजावट
जयपुर। देश और विदेश में प्रदेश के ऐतिहासिक किले, महल और स्मारक प्रसिद्ध हैं। वहीं दूसरी ओर यहां मनाए जाने वाले तीज-त्योहार के भी पर्यटक दीवाने हैं। घरेलू के साथ ही खासकर विदेशी पर्यटकों में इन त्योहारों को सेलिब्रेट करने का अलग ही उत्साह देखने को मिलता है। वे यहां आकर सजे-धजे बाजारों को देख मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। कहा जाए तो पावणें गुलाबी नगरी की दिवाली के दीवानें है। यहीं कारण है कि गुलाबी नगरी आने वाले विदेशी पर्यटक अब त्योहारों को भी अपने टूर पैकेज में एड करवाने लगे हैं। कई ट्रेवल कम्पनियों की ओर से इसके लिए स्पेशल पैकेज भी बनाए जाते हैं।
पावणों को पसंद है दिवाली फेस्टिवल
पर्यटन विशेषज्ञों के अनुसार पिछले पांच सालों में ट्रेंड देखने को मिल रहा है कि अन्य देशों से गुलाबी नगरी आने वाले पर्यटकों में त्योहारों को सेलिब्रेट करने का क्रेज बढ़ा है। वे फैमिली और दोस्तों के साथ टूर पैकेज के दौरान इन एक्टिविटीज को भी एड करवा रहे हैं। मकर संक्रांति, होली, गणगौर की सवारी के प्रति भी घरेलू के साथ ही विदेशी पर्यटक उत्साह के साथ हिस्सा लेते हैं। फ्रांस, इजराइल, ताइवान, स्पेन सहित अन्य देशों से पर्यटक दिवाली सेलिब्रेट करने के लिए गुलाबी नगरी आ रहे हैं। एमआई रोड, जौहरी बाजार, छोटी चौपड़ी, राजापार्क सहित अन्य बाजारों की सजावट देश और दुनिया में मशहूर है।
धनतेरस से शुरुआत
पर्यटन विशेषज्ञ संजय कौशिक ने बताया कि सुबह शहर की साइट सीन कराने के बाद शाम को धनतेरस पर पर्यटकों को बाजार की रौनक दिखाने के साथ ही शॉपिंग कराई जाती है। वहीं दिवाली के दिन विदेशी पर्यटक भारतीय फैमिली के साथ लक्ष्मीजी की पूजा में हिस्सा लेते हैं। इस दौरान वे पूजा के हर विधि विधान को समझते हैं। इसके बाद रोशनी वाले पटाखे चलाने के साथ ही यहां के प्रसिद्ध व्यंजनों का लुत्फ उठाते हैं। कौशिक ने बताया कि इस बार 31 अक्टूबर और 1 नवम्बर को दो दिन दिवाली सेलिब्रेट करने की बात कही जा रही है। ऐसे में पर्यटकों को भी इस त्योहार को सेलिब्रेट करने का अधिक समय मिलेगा।
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