प्लांट स्टेशनों में अचानक लगी आग

प्लांटेशनों की जांच के लिए बुधवार को जयपुर से आ रही टीम

 प्लांट स्टेशनों में अचानक लगी आग

नयागांव व क्रेशर बस्ती के मेटीगेटिव मेजर्स प्लांटेशनों में सूखी घासों में आग से संशय।

कोटा। कोटा वन मंडल की लाडपुरा रैंज में एक ही दिन में मेटिगेटिव मैजर्स के दो से तीन प्लांटेशनों में अचानक आग लगने से कई सवाल खड़े हो गए। जबकि, एक प्लांटेशन  की सतह पर हरी घास नजर आ रही है, जिसके ऊपर सूखी घास पड़े होने तथा उनमें लगती आग संशय करती है कि आग लगी या लगवाई गई।  पर्यावरणविदें का तर्क है, क्रेशर बस्ती, नयागांव नाका स्थित प्लांटेशन पथरीली वन भूमि पर हैं, ऐसे में यहां इतनी मात्रा में सूखी घास होना और उनमें आग लग जाना षड़यंत्र की ओर इशारा कर रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बुधवार को अरण्य भवन जयपुर से लाडपुरा रेंज में मेटिगेटिव प्लांटेशनों की जांच के लिए एक टीम कोटा आ रही है। यह टीम पूर्व में लखावा प्लांटेशन-8 की जांच करने आए अतिरिक्त मुख्य प्रधान वनसंरक्षक ने जांच के दौरान प्लांटेशन में 150 से ज्यादा पौधे नहीं होने की बात कहते हुए सभी प्लांटेशनों में उगे पौधों की वास्तविक संख्या जांचने के लिए अलग से जांच करवाने की बात कही थी।

वास्तविक पौधो की संख्या जांचने आ रही टीम
वन विभाग मुख्यालय से गठित यह टीम मेटिगेटिवमेजर्स के तहत लगे प्लांटेशनों में रिकॉर्ड में बताए पौधों की वास्तविक संख्या जांचने आ रही है। ऐसे में कहीं लापरवाह कर्मचारियों की चोरी न पकड़ी जाए, इसलिए प्लांटेशनों में आग लगाने का षड़यंत्र होने की आशंका है।  ऐसे में सवाल और गहरा जाता है कि टीम के आने से एक दिन पहले ही सिर्फ मेटिगेटिव प्लांटेशनों में ही आग लग जाती है?, जबकि अन्य नाबार्ड व कैम्पा के तहत लगे प्लांटेशनों में आग नहीं लगती? इस तरह के कई सवाल उठ रहे हैं। 

वीडियो में दिख रहा सूखी घास का ढेर
रावतभाटा रोड स्थित मेटिगेटिव मैजर्स का नयागांव नाके के प्लांटेशन में बड़े हिस्से में आग लग रही  है। जिसके वीडियो में सूखी घास के ढेर पड़े साफ दिखाई दे रहे हैं। जिसे देखने से ऐसा प्रतित होता है कि यह घास किसी के द्वारा फैलाने से बच गए। वहीं, प्लांटेशन की जमीन पर सूखी घास के तिनके फैले हुए हैं। ऐसे में कहीं जानबूझकर आग लगवाने का षड़यंत्र से इंकार किया जाना संभव प्रतित नहीं होता। पर्यावरणविदें  का कहना  है कि इन प्लांटेशनों में आग लगने की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। 

पर्यावरणविद् बोले-इतनी सूखी घास कैसे आई?
पर्यावरणविदें ने मेटिगेटिव मैजर्स के अनंतपुरा स्थित क्रेशर बस्ती स्थित प्लांटेशन में बड़ी मात्रा में सूखी घास के ढेर अचानक कैसे आ गए। यह बड़ा सवाल है। क्योंकि, इसमें एफएमडीसीसी पोर्टल पर इस षड़यंत्रपूर्वक लगाई गई आग को प्राकृतिक आपदा का रूप देकर अपनी लापरवाही व भ्रष्टाचार को छिपाने की कोशिश कर सकते हैं। 

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जहां पानी वहां घास कैसे सूखी
क्रेशर बस्ती स्थित प्लांटेशन में जिस जगह सूखी घास में आग लगी है, वहां ताजा पानी सूखा हुआ नजर आ रहा है। ऐसी जगह पर इस तरह की घास का ढेर जल रहा है वो पैदा ही नहीं हो सकती। क्योंकि, यहां जमीन में पानी की नमी है, ऐसे में घास कैसे सूख सकती है, वो भी इतनी बड़ी मात्रा में। इसके पीछे षड़यंत्र की बू आ रही है। 

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सीसीएफ ने नहीं उठाया फोन
इस मामले में नवज्योति ने संभागीय मुख्य वन संरक्षक एवं क्षेत्र निदेशक रामकरण खैरवा से सम्पर्क किया लेकिन उन्होंने फोन अटैंड नहीं किया। उनका पक्ष जानने के लिए दो बार कॉल लगाए गए लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया।

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