पानी के लिए मच रहा हाहाकार
जलदाय विभाग की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे लोग , दूषित एवं गंदा पानी पीने को मजबूर आमजन
एक तरफ तो सरकार द्वारा स्वच्छ जल हर घर जल पहुंचाने के दावे किए जाते हैं। वहीं दूसरी ओर उपखंड मुख्यालय शाहाबाद पर पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। पीने का शुद्ध पानी लोगों को उपलब्ध नहीं हो पा रहा।
शाहाबाद। एक तरफ तो सरकार द्वारा स्वच्छ जल हर घर जल पहुंचाने के दावे किए जाते हैं। वहीं दूसरी ओर उपखंड मुख्यालय शाहाबाद पर पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। पीने का शुद्ध पानी लोगों को उपलब्ध नहीं हो पा रहा। दूषित एवं गंदा पानी नलों में आ रहा है। जिसमें से दुर्गंध एवं बदबू आ रही है परंतु जलदाय विभाग द्वारा कोई भी काम ऐसा नहीं किया जाता। जिससे शुद्ध पानी लोगों को मिल सके। दो दिनों में भी नलों में पानी की सप्लाई नहीं की जाती है। जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शाहाबाद मुख्यालय के लोग पानी की समस्या से जूझ रहे है परंतु विभागीय लापरवाही के चलते कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।
करोड़ों रुपए की लागत से डाली थी पाइपलाइन
शाहाबाद कस्बे की पानी की समस्या को देखते हुए सरकार द्वारा 2002 के बाद स्थाई समाधान के लिए शहडोल तलेटी में दो कुआं का निर्माण करवाएगा एवं लगभग 6 किलोमीटर लंबी लाइन डलवाई गई। जिससे कि शाहाबाद कस्बे को पर्याप्त पानी मिल सके लाइन डालने के बाद देखरेख के अभाव में कई बार जेसीबी से खुदाई रोड निर्माण आदि में लाइन की टूट-फूट हो जाती है परंतु विभागीय लापरवाही के चलते हो कि टूट-फूट पर समय रहते ध्यान नहीं दिया जाता और समय से पहले लाइन की सफाई नहीं की जाती। जिससे गर्मियों में पानी की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
जल दोहन करने वालों के खिलाफ नहीं हो रही कार्यवाही
शाहाबाद नदी से लगातार ट्रैक्टरों से पानी कम होने के बाद भी लगातार जल दोहन किया जाता रहा है और इसकी सूचना ग्राम पंचायत को भी दी गई परंतु ग्राम पंचायत द्वारा जल दोहन करने वालों पर रोक नहीं लगाने से नदी में कम पानी होने के बाद भी लगातार जल दोहन किया जाता रहा। जिसके चलते भी पानी की समस्या जानवरों के लिए उत्पन्न होती जा रही है। रोड निर्माण आदि के लिए लगातार टैंकरों से पानी नदी से लिया जा रहा है।
सरकारी कॉलोनी में 1 घंटा पानी की सप्लाई
जहां उपखंड कस्बे के लोग पानी को तरस रहे हैं। 10 से 15 मिनट सप्लाई दी जा रही है। जिसमें 10 मिनट गंदा पानी आता है ऐसी में लोग पीने का पानी भी नहीं भर पाते और वहीं दूसरी ओर सरकारी कॉलोनी जो अहिंसा सर्किल चौराहे पर बनी हुई है। उसमें 1 घंटे नल सप्लाई दी जा रही है जबकि कस्बे के लोग एक एक बूंद पानी को तरस रहे हैं। सरकारी कर्मचारियों के लिए कोई पानी की कमी नहीं एक घंटा नल दिए जा रहे हैं जबकि कस्बे के लोग पानी को तरसते रहते हैं। रामचंद्र माली, सुरेश सोनी, हरिशंकर शर्मा, मदनलाल शर्मा, सचिन शुक्ला ने बताया कि पंचायत समिति शाहाबाद क्षेत्र में पंचायत समिति में ग्राम पंचायतों द्वारा स्वच्छ जल अभियान के तहत मोटर एवं टंकी लगवाई गई। उनमें भी कई खामियां हैं कई जगह टंकिया नहीं है तो कई जगह मोटर चालू नहीं है और कई मोटर तो प्रभावशाली के घर के बाहर लग चुकी हैं। ऐसे में पंचायत समिति द्वारा ग्राम पंचायतों पर कितनी मोटर लगवाई गई एवं कितनी टंकियां रखी गई हैं। इन सब की जांच की जानी चाहिए।
बिना फिल्टर के कुओं में डाला जा रहा पानी
पाइप लाइन की सफाई व टूट-फूट की मरम्मत यह सब काम पहले भी हो सकते हैं परंतु विभाग सिर्फ कार्यालयों में बैठने के अलावा और कोई काम करता हुआ धरातल पर नजर नहीं आता जबकि पानी को बिना फिल्टर के ही सीधा कुएं में डाला जाता है। पानी का फिल्टर होना अधिक आवश्यक है। सरकार द्वारा करोड़ों रुपए की धनराशि पानी के ऊपर खर्च की गई है। उक्त राशि का लाभ लोगों को विभाग की अनदेखी की वजह से नहीं मिल पाता।
पानी समय पर नहीं मिलने से कस्बे के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पाइप लाइन टूटी फूटी पड़ी हुई है। उसको ठीक नहीं किया जाता। जब पता था गर्मियों पानी की समस्या आएगी तो पहले ही पाइपलाइन को क्यों सही नहीं करते।
- मनीष बंसल, निवासी शाहाबाद
दुर्गंध एवं बदबूदार पानी आता है। जिसको पीना भी संभव नहीं हो पाता। कई बार इस बात की सूचना जलदाय विभाग को दी जा चुकी है परंतु शुद्ध जल के लिए कोई प्रयास नहीं किया जाता।
- विमल श्रीवास्तव, निवासी, शाहाबाद
पानी की सप्लाई अब नियमित रूप से की जाएगी। पाइप लाइन को ठीक किया जा चुका है। कु एं में पाइप लाइन से पानी जा रहा है। एक-दो दिन के लिए सरकारी कॉलोनी की सप्लाई सुचारू नहीं हो पाएगी, क्योंकि अब सभी सप्लाई को कुएं से जोड़ा जाएगा। जिससे सभी को समान रुप से पानी मिल सके। पर्याप्त मात्रा में प्रेशर मिल सके और जहां भी कोई समस्या है उसको हल करने का प्रयास हमारे द्वारा किया जा रहा है। किन्हीं परिस्थितियों पर कई बार समस्या आ जाती है।
- अजय जोरवाल, सहायक अभियंता, जलदाय विभाग, शाहाबाद
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