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Read More... नेपाल व भूटान के रास्ते घुसपैठ कर रहा चाइनीज लहसुन
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हाड़ौती के लहसुन के दाम 10 हजार रुपए प्रति क्विं. तक टूटे खाड़ी देशों में युद्ध से हाड़ौती के चावल का अटका निर्यात
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हाड़ौती का 90 फीसदी चावल विदेशों में निर्यात किया जाता है, लेकिन इस साल खाड़ी देशों के बीच चल रहे युद्ध के कारण चावल का निर्यात प्रभावित हो रहा है। धरतीपुत्र लाचार, बम्पर आवक से किसान हो रहे परेशान
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भामाशाह मंडी परिसर के विस्तार की दरकार । सड़कों पर कृषि जिंसों के ढेर, मंडी में लगा जाम
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वर्तमान में सबसे ज्यादा आवक धान की हो रही है। भामाशाहमंडी में कृषि जिंसों की बम्पर आवक से बिगड़ी व्यवस्थाएं
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मंडी में भारी आवक के कारण कतार में खड़े जिंसों से भरे वाहनों को तीन से चार दिन में भी मंडी में प्रवेश नहीं मिल पा रहा है। लहसुन का निर्यात जेब को दे रहा झटका
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जिले भर के किसानों का लहसुन जिले भर में ही नहीं देश के विभिन्न भागों में पसंद किया जा रहा है। पहली बार भामाशाह मंडी में सुगंधा धान की आवक
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भामाशाह मंडी में इस साल पहली बार सुगंधा धान की आवक हुई है। मंडी में लगभग 100 बोरी धान बिकने के लिए आया। उदघाटन के इंतजार में ग्रेडिंग मशीन
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एशिया की सबसे बड़ी मंडी भामाशाह मंडी में ग्रेडिंग मशीन खराब होने के कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। करीब 300000 की लागत से यह मशीन तैयार करवाई गई थी। 6 माह बाद भी इसका उद्घाटन नहीं होने से किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। किसानों के अरमानों पर बारिश ने फेरा पानी
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भामाशाहमंडी परिसर में बने टीनशेडो में स्थानीय व्यापारियों की ओर से किए गए कब्जोंं के सम्बंध में दैनिक नवज्योति में प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया गया था। इसमें बताया था कि टीनेशेडो पर कब्जों के कारण प्राकृतिक आपदा होने पर किसानों को नुकसान हो सकता है। यदि समय रहते टीनशेड खाली हो जाते तो किसानों को नुकसान नहीं उठाना पड़ता। टीनशेड पर व्यापारियों का कब्जा, किसानों का माल खुले में पड़ा
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एशिया की प्रमुख अनाज मंडी में शुमार भामाशाह कृषि उपजमंडी में अभी भी अव्यवस्था का आलम बना हुआ है। लम्बा चौड़ा परिसर और टीनशेड की व्यवस्था होने के बावजूद किसानों को अपनी उपज बेचने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। टीनशेड पर व्यापारियों ने कब्जा कर रखा है। केंद्र खुले एक माह बीता, एक भी किसान नहीं आया गेहूं बेचने
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संभाग की सबसे बड़ी भामाशाह मंडी में इन दिनों रबी जिंसों की बंपर आवक हो रही है। मंडी में प्रतिदिन 1 लाख 25 हजार बोरी गेहूं की आवक हो रही है। 15 मार्च से समर्थन मूल्य खरीद केन्द्र शुरू करने के बावजूद खरीद केन्द्रों पर जिंसों को बेचने के प्रति किसानों का रुझान नहीं है। एक माह होने आया, पर अभी एक भी किसान समर्थन मूल्य केंद्र पर माल बेचने नहीं आया है। किसानों को मंडी में लहसुन बेचना नहीं आ रहा रास
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हाड़ौती संभाग में इस बार लहसुन की बंपर पैदावर हुई है। जिससे लहसुन के दामों में गिरावट आई है। हालांकि खुदरा में लहसुन 40 से 50 रुपए किलो ही बिक रहा लेकिन मंडी में नए लहसुन के दाम नहीं मिलने से किसान पिछले एक सप्ताह से भामाशाह मंडी में लहसुन लाना ही कम कर दिया है। 