कश्मीर में कड़ाके की ठंड, धूप में सुखाई सब्जियों की बढ़ी मांग
यह पुरानी पाक परंपरा सदियों से चली आ रही है
इन सब्जियों को सुखाने की प्रक्रिया में इन्हें धूप में घर की दीवारों पर लटका दिया जाता है।
श्रीनगर। केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में कड़ाके की ठंड के कारण धूप में सुखाई गई सब्जियों 'होख स्यून' की मांग कश्मीर घाटी में बढऩे लगी है। यह पुरानी पाक परंपरा सदियों से चली आ रही है, जिसने कश्मीर को उन कुछ जगहों में से एक बना दिया है जहाँ आधुनिक समय में भी सूखी सब्जियाँ मुख्य भोजन बनी हुई हैं। कड़ाके की ठंड और हिमपात के कारण पर्वतीय राज्य के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में वाहनों की आवाजाही नहीं होने पाने से वहां सब्जियां नहीं पहुंच पाती हैं।
'होख स्यून' में बैंगन, लौकी, शलजम, पालक, टमाटर और मेथी शामिल हैं। ये सभी सब्जियां गर्मियों के महीनों में उगायी जाती हैं। इन सब्जियों को भीषण सर्दियों के लिए संरक्षित करने के लिए सुखाया जाता है, ताकि जब ताजी उपज कम हो तो भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। इन सब्जियों को सुखाने की प्रक्रिया में इन्हें धूप में घर की दीवारों पर लटका दिया जाता है। सर्दियों के मौसम में श्रीनगर के पुराने शहर और अन्य ऊंचाई वाले इलाकों में सुखाई गई खास सब्जियां बेचने वाले विक्रेता इन सब्जियों को बेचते हैं।

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