शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन विपक्ष ने लोकसभा में दिया एसआईआर पर स्थगन प्रस्ताव, केंद्र सरकार पर लगाए कई गंभीर आरोप
एसआईआर पर विशेष चर्चा की मांग
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने शीतकालीन सत्र के पहले दिन एसआईआर मुद्दे पर विशेष चर्चा कराने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को स्थगन प्रस्ताव दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि एसआईआर को बिना चर्चा, परामर्श और राज्यों के समन्वय के एकतरफा तरीके से लागू किया गया।
नई दिल्ली। कांग्रेस के मणिकम टैगोर ने शीतकालीन सत्र के पहले दिन एसआईआर पर विशेष चर्चा कराने की मांग करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को स्थगन प्रस्ताव दिया है। मणिकम टैगोर ने अपने स्थगन प्रस्ताव में आरोप लगाया है कि, एसआईआर को एकतरफा, अलोकतांत्रिक और पूरी तरह अव्यवस्थित तरीके से लागू किया गया है। उनका कहना है कि इस पर न कोई चर्चा हुई, न किसी से कोई परामर्श हुआ, न राज्यों के साथ समन्वय और न ही जनता की समस्याओं पर विचार हुआ है।
मणिकम टैगोर कहा कि बीएलओ दिन-रात काम कर रहे हैं, शिक्षक कक्षाओं और चुनावी दायित्वों के बीच संघर्ष कर रहे हैं। कई बीएलओ बेहोश हो चुके हैं। कुछ की मौत हो चुकी है। कुछ ने आत्महत्या तक कर ली है। इसके बावजूद चुनाव आयोग ने कोई जांच नहीं की, कोई डेटा जारी नहीं किया, और न ही राज्यवार तथा केंद्रशासित प्रदेशवार बीएलओ मौतों को स्वीकार किया है। इसके आगे आरापे लगाते हुए उन्होंने कहा कि वह गंभीर मुद्दा है इसलिए सदन में इस पर विशेष चर्चा करना बहुत जरूरी है।

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