संवाद, सहमति और समाधान ही लोकतांत्रिक परंपरा को रखते हैं जीवित, ओम बिरला ने कहा- नगरपालिकाओं में चर्चा और जवाबदेही सुनिश्चित हो
हमें हर शहरी मुद्दे को जनआंदोलन में बदलना होगा
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विकसित भारत के निर्माण में शहरी निकायों की भूमिका को अहम करार देते हुए कहा कि नगरीय निकाय लोकतंत्र की असली ताकत हैं
गुरुग्राम। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विकसित भारत के निर्माण में शहरी निकायों की भूमिका को अहम करार देते हुए कहा कि नगरीय निकाय लोकतंत्र की असली ताकत हैं, इनकी जिम्मेदारी है कि हर नागरिक तक लोकतंत्र के आदर्श पहुंचें।
बिरला ने कहा कि सदन में संवाद, सहमति और समाधान ही लोकतांत्रिक परंपरा को जीवित रखते हैं, नगरपालिकाओं में भी ऐसी आदर्श कार्यशैली को अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि हमें हर शहरी मुद्दे को जनआंदोलन में बदलना होगा। जैसे स्वच्छता आंदोलन बना, वैसे ही हर विषय में जनता की भागीदारी जरूरी है, अब नगरपालिकाओं में भी प्रश्नकाल और शून्यकाल की व्यवस्था होनी चाहिए, हर समस्या पर खुलकर चर्चा और जवाबदेही सुनिश्चित हो।
500 शहरी स्थानीय निकाय के अध्यक्षों ने भाग लिया: गुरुग्राम के मानेसर में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के शहरी स्थानीय निकायों के सभापतियों के राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि निकायों को नागरिकों से संबंधित मुद्दों को उठाने के लिए नियमित प्रश्नकाल और शून्यकाल के साथ संसद की तर्ज पर काम करना चाहिए। मानेसर में देश के पहले शहरी स्थानीय निकायों के अध्यक्षों का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया, इस सम्मेलन में देश भर से अलग-अलग जगहों से आए लगभग 500 शहरी स्थानीय निकाय के अध्यक्षों ने भाग लिया, जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शिरकत की। इस कार्यक्रम का आयोजन लोकसभा और हरियाणा विधानसभा की तरफ से किया गया।

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