ईडी की बड़ी कार्रवाई, विशाखपटनम के पूर्व नगर नियोजक की करोड़ों की संपत्ति कुर्क
आंध्र प्रदेश में पूर्व अधिकारी की 1.09 करोड़ की संपत्ति कुर्क
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए शहरी विकास प्राधिकरण के पूर्व अधिकारी पसूपार्थी प्रदीप कुमार की 1.09 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। कुर्क की गई संपत्तियों में आवासीय फ्लैट, प्लॉट और बैंक बैलेंस शामिल हैं, जो उनके और उनके परिजनों के नाम पर थे।
आंध्र प्रदेश। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के विशाखपटनम उप-क्षेत्रीय कार्यालय ने विशाखपटनम शहरी विकास प्राधिकरण के पूर्व अतिरिक्त मुख्य नगर नियोजक पसुपार्थी प्रदीप कुमार की अर्जित आय से अधिक संपत्ति की जांच के सिलसिले में 1.09 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति कुर्क की है।
ईडी ने बुधवार को बताया कि कुर्क की गई संपत्तियों में आवासीय फ्लैट, भूखंड और बैंक खातों में जमा धन शामिल हैं। ये पसुपार्थी प्रदीप कुमार, उनकी पत्नी, उनके चाचा और एक बेनामी इकाई कोना सिम्हाद्री के नाम पर हैं। ईडी ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) विजयवाड़ा द्वारा दर्ज की गई एक प्राथमिकी और बाद में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति रखने के लिए पसुपार्थी के खिलाफ दायर आरोप पत्र के आधार पर अपनी जांच शुरू की थी।
प्राथमिकी और आरोप पत्र के अनुसार, पसुपार्थी 1984 में सरकारी सेवा में शामिल हुए थे और जनवरी 2018 में संयुक्त निदेशक के रूप में पदोन्नत होने और अतिरिक्त मुख्य नगर योजनाकार के रूप में तैनात होने से पहले विभिन्न पदों पर रहे। उन्होंने कथित तौर पर अपराध की अवधि (जुलाई 2005 - जनवरी 2018) के दौरान अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और आय से अधिक अवैध धन अर्जित किया।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने आय से अधिक संपत्ति की राशि लगभग 1.85 करोड़ रुपये आंकी थी। ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि पसुपार्थी ने अपने नाम या अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर रखे गए विभिन्न खातों में अवैध आय जमा करके उसे छिपाने का प्रयास किया। अनुसूचित अपराधों के माध्यम से प्राप्त धन को नकद में जमा किया गया था और बाद में संपत्ति अर्जित करने के लिए उपयोग किया गया था।
धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) जांच में मामले में अपराध की कुल आय लगभग 2.94 करोड़ रुपये निर्धारित की गई जो मूल एजेंसी द्वारा गणना की गई आय से अधिक संपत्ति की राशि से अधिक थी। इस अधिक राशि (1.09 करोड़ रुपये) की संपत्ति को पीएमएलए के तहत कुर्क किया गया है। मामले में आगे की जांच जारी है।

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