शिक्षा मंत्रालय का अहम फैसला : स्कूलों में तीसरी कक्षा से आगे शुरू होगा एआई पर पाठ्यक्रम, सत्र 2026-27 से होगा प्रारम्भ
धीरे-धीरे सार्वजनिक हित के लिए एआई के विचार की ओर विस्तारित होगी
शिक्षा मंत्रालय ने घोषणा की है कि शैक्षणिक सत्र 2026-27 से कक्षा तीन के बाद से स्कूलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और कम्प्यूटेशनल थिंकिंग (सीटी) पढ़ाई जाएगी। इसके लिए सीबीएसई ने आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर कार्तिक रमन की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति बनाई है। मंत्रालय ने एआई के नैतिक और सार्वजनिक हित में उपयोग पर जोर दिया है।
नई दिल्ली। शिक्षा मंत्रालय ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को आगे बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि स्कूलों में कक्षा तीन से आगे एआई पर पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा। शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने भविष्य के लिए तैयार शिक्षा के आवश्यक घटकों के रूप में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कम्प्यूटेशनल थिंकिंग को आगे बढ़ाने के लिए आज अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कम्प्यूटेशनल थिंकिंग (एआई और सीटी) सीखने, सोचने और सिखाने की अवधारणा को सुदृढ़ करेगी और धीरे-धीरे सार्वजनिक हित के लिए एआई के विचार की ओर विस्तारित होगी। यह पहल जटिल चुनौतियों को हल करने के लिए एआई के नैतिक उपयोग की दिशा में एक नया लेकिन महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यह तकनीक कक्षा तीन से शुरू होगी।
सीबीएसई ने बनाई समिति :
शैक्षणिक सत्र 2026-27 से कक्षा तीन के बाद से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कम्प्यूटेशनल थिंकिंग की शुरुआत की जाएगी। सीबीएसई ने एआई और सीटी पाठ्यक्रम विकसित करने के लिए आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर कार्तिक रमन की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है।
स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार ने कहा कि नीति निर्माताओं के रूप में हमारा काम न्यूनतम सीमा निर्धारित करना और बदलती जरूरतों के आधार पर उसका पुनर्मूल्यांकन करना है। इस बात का उल्लेख किया कि निष्ठा के शिक्षक प्रशिक्षण मॉड्यूल और वीडियो-आधारित शिक्षण संसाधनों सहित शिक्षक प्रशिक्षण और शिक्षण सामग्री, पाठ्यक्रम कार्यान्वयन की रीढ़ बनेगी।

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