महबूबा मुफ्ती ने बंगलादेश में हिंदू महिलाओं की स्थिति पर जताई चिंता, केंद्र सरकार से की हस्तक्षेप की मांग
हिंदू महिलाओं की सुरक्षा पर उठाए सवाल
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बांग्लादेश में हिंदू महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ी रिपोर्टों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह गंभीर मुद्दा है, लेकिन भारत का नेतृत्व इसे उठाने में नैतिक दुविधा महसूस कर रहा है।
श्रीनगर। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को बंगलादेश से मिली उन रिपोर्टों पर चिंता व्यक्त की जिनमें कहा गया है कि वहां हिंदू महिलाएं सिंदूर लगाकर स्वतंत्र रूप से घूमने में डर रही हैं। महबूबा ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि हालांकि यह मुद्दा 'गंभीर' है, लेकिन भारतीय नेतृत्व बंगलादेशी अधिकारियों के साथ इस मामले को उठाने में नैतिक दुविधा का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि बंगलादेश से आने वाली खबरें, जिनमें कहा गया है कि हिंदू महिलाएं सिंदूर लगाकर स्वतंत्र रूप से घूमने में डर रही हैं, अत्यंत विचलित करने वाली हैं।
पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि दुर्भाग्य से भारतीय नेतृत्व इस गंभीर मुद्दे को बंगलादेशी अधिकारियों के साथ उठाने में नैतिक दुविधा का सामना करता दिख रहा है क्योंकि देश के भीतर ही कुछ असामाजिक तत्व मुस्लिम महिलाओं के हिजाब जबरन उतारते देखे जाते हैं। कट्टरपंथियों के दबदबे वाली दुनिया में महिलाओं के अधिकारों और सम्मान के लिए वास्तव में कौन खड़ा होगा।
इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जम्मू-कश्मीर इकाई ने मंगलवार को बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की हत्याओं पर नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी की कथित चुप्पी को लेकर उन पर तीखा हमला बोला। एक बयान में भाजपा प्रवक्ता मंजूर भट ने उमर अब्दुल्ला सहित जम्मू-कश्मीर के नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठाये।
भट ने कहा कि यह देखना बेहद निराशाजनक है कि जो लोग जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों और भाईचारे के चैंपियन होने का दावा करते हैं वे आज चुप हैं। उन्होंने कहा कि जब भारत में कोई छोटी घटना होती है तो उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती जैसे नेता सबसे पहले ट्वीट करते हैं और देश को धर्मनिरपेक्षता पर उपदेश देते हैं, लेकिन आज जब बंगलादेश में हमारे हिंदू भाइयों और बहनों को खींचकर मारा जा रहा है तो उनका विवेक कहां है। उनकी गंगा जमुनी तहजीब कहां छिप गई है।

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