भारत के 4 पड़ोसी देशों में सैन्य अड्डा बनाना चाहता है चीन, अमेरिका ने दी चेतावनी
पेंटागन ने भारत के पड़ोस में सैन्य ठिकानों को लेकर दी चेतावनी
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) की 'चाइना मिलिट्री पावर 2025' रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि चीन पाकिस्तान और बांग्लादेश सहित करीब 20 देशों में सैन्य ठिकाने बनाने की योजना बना रहा है।
वॉशिंगटन। अमेरिका के रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने अपनी एक सालाना रिपोर्ट में भारत के 4 पड़ोसी देशों में चीन सैन्य तैयारी को लेकर एक डराने वाली रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में पेंटागन ने खुलासा किया है कि पाकिस्तान के ग्वादर में नेवल बेस बना रहा चीन अब बांग्लादेश में भी सैन्य ठिकाना बनाने पर विचार कर रहा है। अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी सेना पीएलए बहुत सक्रियता के साथ अतिरिक्त सैन्य सुविधाओं को बढ़ाने पर विचार रही है ताकि जमीनी सेना की मदद से नौसैनिक और हवाई ताकत का प्रदर्शन किया जा सके। इन देशों में पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश के अलावा करीब एक दर्जन अन्य देश शामिल हैं। इसी रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने अब तक पाकिस्तान को 20 जे-10 सी फाइटर जेट दिए हैं।
पेंटागन ने कहा है कि चीन अंगोला, बांग्लादेश, म्यांमार, क्यूबा, गिनी, इंडोनेशिया, केन्या, मोजांबिक, नामिबिया, नाइजीरिया, पाकिस्तान, पापुआ न्यू गिनी, सेशेल्स, सोलोमन द्वीप समूह, श्रीलंका, ताजिकिस्तान, थाईलैंड, यूएई और वनाअतू में सैन्य सुविधा केंद्र बनाना चाहता है। पीएलए की सबसे ज्यादा इच्छा मलक्का स्ट्रेट, स्ट्रेट ऑफ होर्मूज और अन्य अफ्रीकी तथा मध्य पूर्व के इलाकों में सैन्य पहुंच बनाने की है। चीन चाहता है कि इन जगहों पर उसका सी लाइन ऑफ कम्यूनिकेशन बना रहे। चीन मलक्का स्ट्रेट को अपना सबसे बड़ा चोक प्वाइंट मानता है जहां अमेरिका और अंडमान? निकोबार द्वीप समूह से भारतीय नौसेना उसे घेर सकते हैं।
चीन और बांग्लादेश में सैन्य संबंध काफी मजबूत
वहीं अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया है कि बांग्लादेश चीन से जे-10 सी फाइटर जेट खरीदने की इच्छा रखता है। यह वही चीनी लड़ाकू विमान है जिसका पाकिस्तान ने भारत के राफेल के खिलाफ इस्तेमाल किया था। बांग्लादेश शेख हसीना के जमाने से ही चीन से अपनी सैन्य दोस्ती को मजबूत कर रहा था। बांग्लादेश चीन के सैन्य वाहनों और वीटी-5 लाइट टैंक का बड़ा ग्राहक है। साल 2024 में चीन ने बांग्लादेश को मिंग क्लास की दो पनडुब्बी और दो युद्धपोत सौंपा था। चीन मोहम्मद यूनुस सरकार आने के बाद पाला बदल चुका है और उनको खुलकर अपना समर्थन दे रहा है। अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और चीन के बीच तनाव चल रहा है और इसी दौरान बीजिंग पाकिस्तान के साथ अपने सैन्य संबंधों को ज्यादा मजबूत कर रहा है। इसमें कहा गया है कि चीन भारत के साथ अपने रिश्ते में गर्मजोशी इसलिए बढ़ा रहा है ताकि भारत और अमेरिका में दोस्ती को मजबूत होने से रोका जा सके।
रिपोर्ट के मुताबिक इसी वजह से चीन ने एलएसी पर भारत संग तनाव को कम किया है। बता दें कि पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच मुलाकात के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते में तनाव कम हुआ है। वीजा सेवाएं फिर से शुरू हो गई हैं। इस रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि अरुणाचल को चीन ने अपने कोर इंटरेस्ट में शामिल किया है जो संप्रभुता से जुड़ी हुई है।

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