एनआईए ने की लश्कर के दो आतंकवादियों की सम्पत्तियां जब्त
एनआईए ने बताया कि जिन दो आरोपियों की संपत्ति आज दक्षिण कश्मीर में कुर्क की गई है, उन्हें भी बाद में गिरफ्तार कर लिया गया।
श्रीनगर। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के काफिले पर 2015 में हुए आतंकी हमले में कथित संलिप्तता को लेकर लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के दो प्रमुख कार्यकर्ताओं की संपत्तियों को जब्त कर लिया।
05 अगस्त 2015 को उधमपुर जिले के नरसू गांव में श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुए हमले में बीएसएफ के दो जवान शहीद हो गए थे और 13 अन्य घायल हुए थे। वहीं, सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में एक आतंकवादी मारा गया और दूसरे आतंकवादी को गिरफ्तार कर लिया गया था, जिसकी पहचान नावेद के रूप में हुयी।
एनआईए ने बताया कि जिन दो आरोपियों की संपत्ति आज दक्षिण कश्मीर में कुर्क की गई है, उन्हें भी बाद में गिरफ्तार कर लिया गया। मौजूदा समय में उनके खिलाफ जम्मू स्थित एनआईए की विशेष अदालत में मुकदमा चल रहा है। एनआईए जांच के अनुसार दोनों की पहचान फैयाज अहमद इटू उर्फ फैयाज खार और खुर्शीद अहमद भट उर्फ खुर्शीद आलम भट्ट सूर्या के रूप में की गयी। ये दोनों प्रतिबंधित पाकिस्तान समर्थित लश्कर आतंकवादी संगठन के सदस्य हैं।
एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा, '' एनआईए की दिल्ली शाखा द्वारा 2015 में दर्ज मामले के सभी प्रमुख आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है और उन पर रणबीर दंड संहिता, शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1946, पासपोर्ट (भारत में प्रवेश अधिनियम 1920) और गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम 1967 के विभिन्न प्रावधानों के तहत मुकदमा चल रहा है।"
एनआईए ने बताया कि मौजूदा मामले में चार अचल संपत्तियां जब्त की गयी, जिनमें कुलगाम जिले के खुदवानी, कैमोह गांव में फैयाज इटू का एक मंजिला आवासीय घर और खुर्शीद भट और सेल की जमीन के दो भूखंडों के साथ एक दो मंजिला आवासीय घर शामिल है। एजेंसी ने कहा, जम्मू की एनआईए की विशेष अदालत के हालिया आदेशों के अनुपालन में अवंतीपोरा, जिला पुलवामा को यूए (पी) अधिनियम, 1967 की धारा 33 (1) के तहत कुर्क किया गया है।
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