यमन में निमिषा प्रिया की फांसी की सजा स्थगित, हत्या के आरोप में है जेल में बंद
सजा को स्थगित कराने के लिए यमन में बैठकों का दौर जारी था
यमन की जेल में बंद केरल के पल्लकड़ की निमिषा प्रिया की फांसी की सजा स्थगित हो गई है
नयी दिल्ली। यमन में हूतियों के नियंत्रण वाली राजधानी सना में हत्या के जुर्म में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को दी जाने वाली मौत की सज़ा टाल दी गई है। सूत्रों ने मंगलवार को यहां बताया कि भारतीय अधिकारियों के प्रयासों से निमिषा प्रिया की सजा टल गई है। भारतीय अधिकारी वहां के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में थे।
सूत्रों ने कहा कि पता चला है कि यमन के स्थानीय अधिकारियों ने 16 जुलाई को निमिषा प्रिया को दी जाने वाली मौत की सज़ा स्थगित कर दी है। भारत सरकार इस मामले की शुरुआत से ही पीड़ित पक्ष के साथ समुचित व्यवहार के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। सरकार हाल में निमिषा के परिजनों को यमन में दूसरे पक्ष के साथ सहमति का कोई रास्ता निकालने की कोशिश करने और सजा को टलवाने के प्रयासों में विशेष तरीके से सहयोग कर रही थी।
सूत्रों ने कहा कि “ मामले के संवेदनशील होने के बावजूद भारतीय अधिकारी लगातार स्थानीय जेल अधिकारियों और अभियोजक कार्यालय के साथ संपर्क में रहे, जिसके कारण निमिषा प्रिया की मौत की सजा टलवाने में सफलता मिली।”
इस बीच, कुछ रिपोर्टों के अनुसार निमिषा के कानूनी सलाहकारों ने उसकी माफी के लिए लगभग 8.5 करोड़ रुपए (10 लाख डॉलर) की पेशकश की थी, जिसे स्थानीय प्रथा के अनुसार ‘खूंबहा’ कहा जाता है। गौरतलब है कि केरल की 37 वर्षीय नर्स को यमन के एक नागरिक की हत्या के आरोप में दोषी ठहराया गया है।
केरल के पलक्कड़ ज़िले की निवासी निमिषा नर्सिंग प्रशिक्षण पूरा करने के बाद 2011 में यमन चली गई थी। उसे 2017 में अपने ‘व्यापारिक सहयोगी’ तलाल अब्दो महदी की कथित हत्या के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था। 3 साल बाद 2020 में यमन की एक अदालत ने उसे इस मामले में मौत की सज़ा सुनाई थी।

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