शीतकालीन सत्र के पहले दिन पीएम मोदी ने की नए सभापति सी.पी. राधाकृष्णन की सराहना, कहा-सेवा, समर्पण और संयम व्यक्तित्व का सार

राज्यसभा में नए सभापति राधाकृष्णन का स्वागत

शीतकालीन सत्र के पहले दिन पीएम मोदी ने की नए सभापति सी.पी. राधाकृष्णन की सराहना, कहा-सेवा, समर्पण और संयम व्यक्तित्व का सार

शीतकालीन सत्र के पहले दिन पीएम मोदी ने नए सभापति सी.पी. राधाकृष्णन की सराहना की, जबकि विपक्ष नेता खरगे ने पीएम पर मुद्दों से भटकाने का आरोप लगाया। कई दलों ने सभापति को सहयोग का आश्वासन दिया, पर राजनीतिक टिप्पणियों पर सदन में तीखी बहस भी हुई।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सेवा, समर्पण और संयम को राज्यसभा के सभापति सी पी राधाकृष्णन के व्यक्तित्व का सार बताते हुए कहा है कि, उनके मार्गदर्शन में यह सदन नये आदर्श स्थापति करेगा। उप राष्ट्रपति चुने जाने के बाद संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन श्री राधाकृष्णन की अध्यक्षता में सदन के पहले दिन की कार्यवाही शुरू होने पर उनका स्वागत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, किसान परिवार से निकले और पूरा जीवन समाज सेवा में समर्पित करने वाले व्यक्ति का यह आसन संभालना सभी के लिए गौरव का विषय है। श्री राधाकृष्णन के व्यक्तित्व को सेवा, समर्पण और संयम का संगम बताते हुए उन्होंने कहा कि, उच्च सदन में उनका मार्गदर्शन प्रेरणादायी रहेगा। उन्होंंने कहा कि, राधाकृष्णन का इस पद पर पहुंचना भारत के लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है। 

प्रधानमंत्री मोदी ने सत्ता पक्ष के सदस्यों की ओर से उन्हें पूर्ण सहयोग का आश्वासन देते हुए विश्वास व्यक्त किया कि, सभी दलों के सदस्य सदन के साथ साथ सभापति की गरिमा की भी चिंता करेंगे और सम्मान बनाये रखेंगे। पीएम मोदी ने विभिन्न क्षेत्रों में श्री राधाकृष्णन के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि, उन्होंने सांसद रहते हुए और कई राज्यों के राज्यपाल के रूप में अपनी छाप छोड़ी है। 

प्रधानमंत्री मोदी ने एक कार्यकर्ता और सहयोगी के रूप में श्री राधाकृष्णन के साथ बिताए समय का उल्लेख करते हुए कहा, मैंने महसूस किया कि, कुछ लोग पद का भार अनुभव करते हैं और प्रोटोकाल में दब जाते हैं, लेकिन आप प्रोटोकाल से परे रहे और इससे मुक्त जीवन जीया है आपने और इसकी एक ताकत होती है यह गर्व का विषय है। 

उप सभापति हरिवंश ने कहा कि, सभापति का नाम देश के पहले उप राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन के नाम पर है और उम्मीद है कि उनका मार्गदर्शन भी वैसा ही रहेगा। उन्होंने श्री राधाकृष्ण द्वारा नदियों को जोडऩे तथा आतंकवाद के खिलाफ 93 दिन की यात्रा का उल्लेख किया और संभावना जतायी कि वह इसी दृढता के साथ सदन की कार्यवाही चलायेंगे और सदन में सार्थक बहस के साथ सभी को अपनी बात कहने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि, श्री राधाकृष्णन ने झारखंड, तेलंगाना और महाराष्ट्र के राज्यपालों के रूप में अलग पहचान बनायी।

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इसके विपरित सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने भी देश के पहले उप राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन के साथ नव नियुक्त सभापति के नाम की समानता का उल्लेख करते हुए कहा कि, श्री सर्वपल्ली कहते थे कि सभापति की कोई पार्टी नहीं होती और सदन को निष्पक्ष रूप से चलाना सभापति का दायित्व होता है। उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा कि, सदन में कुछ लोग आपको अपनी पार्टी से जोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा उनकी बातें आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने आप राधाकृष्णन के हमनाम हैं उम्मीद है उनके हमख्याल भी होंगे।       विपक्ष के नेता ने आश्वस्त किया कि, कांग्रेस और समूचा विपक्ष सदन की कार्यवाही में आपका पूरा सहयोग करने के लिए तैयार है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि, सभापति सभी सदस्यों को अपनी बात रखने का मौका देंगे और सत्ता तथा विपक्ष को बराबर रखेंगे तथा संतुलन बनाये रखेंगे।      

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खरगे ने पूर्व सभापति के अचानक पद छोड़े जाने का जिक्र करते हुए इसे अप्रत्याशित करार दिया और कहा कि, सदन को उन्हें विदाई देने का भी मौका नहीं मिला। उन्होंने राधाकृष्णन के परिवार के कांग्रेस से जुड़े होने का उल्लेख करते हुए हल्के अंदाज में कहा कि'वैसे भी आप कांग्रेस के घराने से आये हैं। अंत में खरगे ने सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संदेश का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने जोरदार तकरीर दी और विपक्ष पर हमला किया लेकिन हम सदन में इसका जवाब देंगे। 

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ससंदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू और नेता सदन जगत प्रकाश नड्डा ने पूर्व सभापति और श्री मोदी के बारे में श्री खरगे की बात का यह कहते हुए कड़ा विरोध किया कि सभापति के स्वागत के समय इस तरह की बातों का कोई औचित्य नहीं है और ये गैर जरूरी हैं। किरण रिजिजू ने कहा, सदन में नेता विपक्ष, लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के व्हीप ने जो हरकतें की हैं मैं उनका यहां जिक्र नहीं करना चाहता हूं। इसके आगे उन्होंने कहा कि, खरगे ने भूतपूर्व उप राष्ट्रपति और सभापति का अपमान किया। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस के सदस्यों ने पूर्व सभापति के लिए अनाप शनाप भाषा का इस्तेमाल किया था, उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आये थे।

जेपी नड्डा ने कहा कि, अच्छे माहौल में खरगे की टिप्पणी अप्रसांगिक है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पर टिप्पणी करना उचित नहीं है।  तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने दिल्ली में प्रदूषण का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा कि, सभापति अच्छी जगह से यहां वायु प्रदूषण के माहौल में आये हैं और वह इसके लिए उन्हें अच्छे स्वास्थ्य के लिए शुभकामनाएं देते हैं। उन्होंने तंज कसते हुए सभापति से अपील की, कि आप संघीय व्यवस्था को भी स्वस्थ रखें। उन्होंने सत्र की छोटी अवधि 15 दिन का उल्लेख करते हुए बड़े सत्र बुलाये जाने की अपील की। उन्होंने कहा कि, पिछले आठ वर्षों में राज्यसभा में केवल आठ विषयों पर बहस हुई है। उन्होंने सभापति को तृणमूल की ओर से सदन की कार्यवाही चलाने में सहयोग का आश्वासन भी दिया। 

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